EVM: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ईवीएम मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने ईवीएम को लेकर विपक्ष की रणनीति पर एक सुझाव भी दिया है.
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Kapil Sibal on EVM Hack: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के करीब 2 हफ्ते बाद देश में फिर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम (EVM) हैक का मामला तेजी से उठने लगा है. इसकी शुरुआत दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने की और कहा कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है. जिसके बाद ईवीएम हैक (EVM Hack) होने के खतरों को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है. अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी ईवीएम मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने ईवीएम को लेकर विपक्ष की रणनीति पर एक सुझाव भी दिया है.
कपिल सिब्बल का सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कटाक्ष
कपिल सिब्बल ने ईवीएम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह एक 'बड़ा मुद्दा' है. हालांकि, उन्होंने ईवीएम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कटाक्ष किया. कपिल सिब्बल ने कहा, 'जब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमें अपनी मशीनों पर भरोसा करना चाहिए और हमें भारत के चुनाव आयोग पर भरोसा करना चाहिए, अगर सर्वोच्च न्यायालय खुद उन पर भरोसा कर रहा है तो मुझे उन पर टिप्पणी क्यों करनी चाहिए? अगर हम सरकार और मशीनों पर भरोसा करना शुरू कर दें, तो सभी काम मशीनों के माध्यम से होने चाहिए. फिर अदालतें क्यों हैं? अगर हम सरकार पर भरोसा करना शुरू कर दें, तो फैसले देने का क्या फायदा? यह एक बड़ा मुद्दा है. मैं इस पर बाद में टिप्पणी करूंगा.'
कपिल सिब्बल का ईवीएम को लेकर विपक्ष को सुझाव
कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने यह भी सुझाव दिया कि ईवीएम की विश्वसनीयता का मामला संसद के मानसून सत्र में उठाया जाना चाहिए, न कि आगामी सत्र में, क्योंकि इस मामले पर 'विस्तृत चर्चा' की आवश्यकता है. राज्यसभा सांसद ने कहा, 'इस सत्र में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा, जिसके बाद इस पर चर्चा होगी. यह मानसून सत्र में आ सकता है. मुझे लगता है कि इस मुद्दे को संसद के इस सत्र में नहीं उठाया जाना चाहिए, क्योंकि इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए.'
#WATCH | On the EVM issue, Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, "I will speak on this matter later on, but right now I want to say that the FIR that has been lodged, is not in connection with the EVM issue...And the way the Election Commission has been behaving since 2014, all the… pic.twitter.com/Ub8VsNz5ik
— ANI (@ANI) June 16, 2024
इलेक्ट्रॉनिक बैलेट वोटिंग सिस्टम में हो सकती है हेराफेरी: सिब्बल
महाराष्ट्र के गोरेगांव में शिवसेना नेता रवींद्र वायकर के रिश्तेदार द्वारा मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की रिपोर्ट पर कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला 'बैलेट पेपर के जरिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग' से जुड़ा है और इसका ईवीएम से सीधा संबंध नहीं है. सिब्बल ने कहा, 'महाराष्ट्र का यह मामला, जहां उम्मीदवार 48 वोटों से हार गया, ईवीएम से संबंधित नहीं है. यह बैलेट पेपर के जरिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के बारे में है. यह मामला सीधे ईवीएम से संबंधित नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक बैलेट वोटिंग सिस्टम के जरिए वोट में हेराफेरी हो सकती है, क्योंकि वे 'इलेक्ट्रॉनिक रूप से नियंत्रित' होते हैं.'
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक बैलेट सिस्टम जिसके माध्यम से 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग लोग मतदान कर सकते हैं. यदि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 1000-1500 वोट हैं तो 10 विधानसभा क्षेत्रों में यह कुल 10,000 वोट होता है. इसमें हेराफेरी हो सकती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक बैलेट वोटिंग सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक रूप से नियंत्रित होता है. यह मामला ईवीएम से अलग है.'
मोबाइल या ओटीपी से अनलॉक नहीं होती ईवीएम: चुनाव आयोग
मुंबई उत्तर पश्चिम संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर ने ईवीएम से छेड़छाड़ की खबरों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए मोबाइल पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की आवश्यकता नहीं है. मुंबई उत्तर पश्चिम संसदीय क्षेत्र की रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'ईवीएम को अनलॉक करने के लिए मोबाइल पर कोई ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) नहीं आता है, क्योंकि यह प्रोग्राम करने योग्य नहीं है और इसमें वायरलेस संचार क्षमता नहीं है. यह एक अखबार द्वारा फैलाया जा रहा पूरी तरह झूठ है, जिसका इस्तेमाल कुछ नेताओं द्वारा गलत बयानबाजी करने के लिए किया जा रहा है.'
चुनाव आयुक्त का रवैया निष्पक्ष नहीं: कपिल सिब्बल
सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में 'पक्षपातपूर्ण' रहे हैं. सिब्बल ने कहा, 'भारत के चुनाव आयोग, विशेष रूप से मुख्य चुनाव आयुक्त के बारे में कम बोलना बेहतर है. उनका रवैया पक्षपातपूर्ण रहा है. मुझे लगता है कि विपक्ष को इस पर कार्रवाई करने की जरूरत है. हर कोई कारण जानता है. अगर ऐसे व्यक्तियों को नोटिस भी नहीं दिया जाता है जो ऐसे बयान देते हैं जो दंड संहिता के खिलाफ हैं और जिन पर कई धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जिस तरह से हमारा चुनाव आयोग विपक्ष को जवाब भी नहीं देता है, जिस तरह से डाले गए वोटों और गिने गए वोटों के बीच अंतर होता है. ये सभी गंभीर मुद्दे हैं. अगर निर्दिष्ट ढांचे के माध्यम से निष्पक्ष रूप से चुनाव नहीं कराए जाते हैं, तो हमारा लोकतंत्र खतरे में है.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)