3 साल के दलित बच्‍चे के नाम पर कर्नाटक सरकार शुरू करने वाली है योजना, इमोशनल कर देने वाली है वजह
Advertisement
trendingNow11138256

3 साल के दलित बच्‍चे के नाम पर कर्नाटक सरकार शुरू करने वाली है योजना, इमोशनल कर देने वाली है वजह

कर्नाटक के एक मंद‍िर में 3 साल का एक दल‍ित बच्‍चा अंदर चला गया तो उसके परिवार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा था. इस कलंक को म‍िटाने के ल‍िए अब कर्नाटक सरकार उसी दल‍ित बच्‍चे के नाम पर 'विनय समरस्‍य योजना' चलाने वाली है. 

इस मंद‍िर में घुस गया था 3 साल का दल‍ित बच्‍चा.

नई द‍िल्‍ली: कर्नाटक सरकार ने 'विनय समरस्‍य योजना' (Vinaya Samarasya Yojana) की घोषणा की है जो राज्य भर की ग्राम पंचायतों में छुआछूत को मिटाने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम है. इस योजना को चालू करने की वजह बहुत ही भावात्‍मक है. 

  1. 3 साल के दल‍ित बच्‍चे के नाम पर शुरू हो रही योजना 
  2. कर्नाटक में छुआछूत को मिटाने के ल‍िए शुरू हो रही योजना 
  3. 14 अप्रैल से शुरू होगी योजना 

3 वर्षीय दलित विनय के नाम पर रखा गया स्‍कीम का नाम 

Indian Express की खबर के अनुसार, इस योजना का नाम 3 वर्षीय दलित विनय के नाम पर रखा गया है जिसके परिवार को पिछले साल सितंबर में गांव के नेताओं द्वारा बच्‍चे के अपराध के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. ये बच्‍चा एक स्थानीय मंदिर में घुस गया था, ज‍िसके अपराध की सजा पूरे पर‍िवार को दी गई. ये घटना कोप्पल जिले के मियापुर गांव की है. 

14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर पर शुरू होगी स्‍कीम 

कर्नाटक के समाज कल्याण मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने सोमवार को राज्य विधानसभा को बताया कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर पर 'विनय समरस्‍य योजना' शुरू करेंगे. वे इसके वर्चुअल उद्घाटन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात कर रहे हैं. 

बजट में भी शाम‍िल है ये योजना 

पुजारी ने सदन को बताया कि 'विनय समरस्‍य योजना' का नाम दलित लड़के विनय के नाम पर रखा गया है. राज्य में अस्पृश्यता उन्मूलन के उद्देश्य से 2022-23 के लिए हाल ही में घोषित कर्नाटक बजट में इस योजना को शामिल किया गया था. 

यह भी पढ़ें: 730 दिन में इस 'नटवरलाल' ने 910 लोगों को क‍िया ब्‍लैकमेल, 'फंसाने' का खेल था अनोखा

गांव छोड़कर भागने को मजबूर हो गए थे व‍िनय के पर‍िवार वाले 

ऐसा लगता है कि विनय परिवार की दुर्दशा और भी विकट हो गई है. जैसे ही उन पर जुर्माना लगाने की खबरें सुर्खियों में आईं तो स्थानीय रूप से प्रभावी गनीगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले गांव के नेताओं ने पीड़ित दलित परिवार का सामाजिक बहिष्कार शुरू कर दिया. इसकी चपेट में आकर परिवार नवंबर में अपना घर और कृषि भूमि छोड़कर गांव से भागने को मजबूर हो गया. 

विनय के पिता चंद्रशेखर शिवप्पादासरा ने कहा, "मेरे बेटे के नाम पर एक सरकारी कार्यक्रम का नाम रखने से कुछ नहीं बदलेगा. इस कुप्रथा (अस्पृश्यता) को खत्म किया जाना चाहिए."

बता दें क‍ि मियापुर में 1,500 लोगों की आबादी है जिनमें ज्यादातर गनीगा समुदाय के लोग हैं. इनमें केवल 91 ग्रामीण, दलित समुदाय के हैं.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news