जान लें कि कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) स्पुतनिक वी के ट्रांसपोर्टेशन में तापमान का खास ख्याल रखना जरूरी है इसीलिए वैक्सीन (Vaccine) को मॉस्को से दिल्ली लाने के बीच कोल्ड चेन को टूटने नहीं दिया गया.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) को लेकर भारत के लिए अच्छी खबर है. देश में नई दिल्ली और हैदराबाद एयरपोर्ट पर कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के रखरखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाए गए हैं. इसके अलावा कई अन्य एयरपोर्ट पर भी वैक्सीन (Vaccine) स्टॉक करने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाए जा रहे हैं.
जान लें कि रूस (Russia) की कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) की खेप देश में पहुंच चुकी है. स्पुतनिक वी (Sputnik-V) के ट्रांसपोर्टेशन में तापमान का खास ख्याल रखना जरूरी है इसीलिए वैक्सीन को मॉस्को से दिल्ली लाने के बीच कोल्ड चेन को टूटने नहीं दिया गया. इस बीच कोरोना वैक्सीन को कैसे दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया गया ये जानिए.
मॉस्को में नीले रंग के कंटेनर में वैक्सीन (Vaccine) को रखकर भारत ट्रांसपोर्ट किया गया. सबसे पहले इस नीले कंटेनर को एक दूसरे बड़े कंटेनर में रखा गया. ये बड़ा कंटेनर एक तरह का फ्रिज है जिसको खासतौर से वैक्सीन ट्रांसपोर्ट के लिए तैयार किया गया है. वैक्सीन के ट्रांसपोर्ट में 2 से 8 डिग्री का तापमान बनाए रखने के लिए इस कंटेनर को तैयार किया गया है. वैक्सीन को कंटेनर में रखने के बाद इसे पूरी तरह से लॉक कर दिया गया.
एयरपोर्ट पर सामान उठाने वाली गाड़ियों की मदद से इस कंटेनर को हवाई जहाज के कार्गो एरिया तक पहुंचाया गया. इस दौरान ये ध्यान दिया गया कि इसके रास्ते में कोई अड़चन ना आए. कार्गो एरिया में पहुंचने पर वैक्सीन कंटेनर को हाइड्रोलिक लिफ्ट की मदद से हवाई जहाज के अंदर पहुंचाया गया, जहां कंटेनर को लाल रंग का लॉक लगाकर हिल डुलने से रोका गया.
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इसके बाद मॉस्को से स्पुतनिक वी वैक्सीन का कंटेनर लेकर हवाई जहाज टेक ऑफ कर गया और नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा. यहां भी वैक्सीन अनलोडिंग के लिए पूरी तैयारी थी. वैक्सीन कंटेनर को खास हाइड्रोलिक की मदद से जहाज से नीचे उतारा गया और फिर सुरक्षित तरीके से नई दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर लाया गया.
एयरपोर्ट पर बड़े कंटेनर से वैक्सीन वाले नीले कंटेनर को निकाल लिया गया. फिर इस नीले कंटेनर को प्रयोगशाला तक ले जाने के लिए रेफ्रिजरेटर वाला खास ट्रक मंगाया गया. कंटेनर को पूरी सुरक्षा के साथ उसमें रखकर रवाना किया गया.
इस कंटेनर की निगरानी और अनलोडिंग के लिए भारत में डॉ. रेड्डी प्रयोगशाला के लोग मौजूद रहे. ट्रक को फरीदाबाद के JSS Medical Research India Pvt. Ltd. लाया गया और यहां उसे ट्रक से निकाला गया.
रूस की वैक्सीन स्पुतनिक वी को 92 प्रतिशत तक असरदार बताया जा रहा है और इस वैक्सीन को बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वैक्सीन 2 साल तक इम्यूनिटी देती है.
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कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए देश को अब सिर्फ कुछ हफ्ते ही इंतजार करना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पूरे आत्मविश्वास के साथ देश को ये बात बताई है. यानी भारत के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन को लेकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. अब इंतजार बस हरी झंडी मिलने का है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश को सबसे बड़ी खुशखबरी दी. उन्होंने कहा, 'कुछ हफ्तों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी. जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी, भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा.'
इसका मतलब है कि कोरोना वायरस वैक्सीन के आने में बस कुछ हफ्तों का इंतजार रह गया है. कोरोना संक्रमण काल की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. पीएम मोदी के शब्दों में छिपा आत्मविश्वास बताता है कि भारत ने अपनी वैक्सीन बना ली है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि Made In India वैक्सीन बनाने का प्रयास कर रही वैज्ञानिक टीमों से काफी देर तक सार्थक बातचीत हुई है. भारत के वैज्ञानिक अपनी सफलता को लेकर बहुत आश्वस्त हैं. दुनिया की नजर कम कीमत वाली सबसे सुरक्षित वैक्सीन पर है और इस वजह से सबकी दृष्टि भारत पर है.
ऐसे में पूरी दुनिया की नजर भारत की ओर है क्योंकि दुनिया जानती है कि सबसे सस्ती और सबसे सुरक्षित वैक्सीन भारत से ही मिलेगी. कोरोना संक्रमण का असली और आसान इलाज भारत ही खोजेगा. इस बात का पीएम मोदी को पूरा अहसास है इसीलिए उन्होंने दुनिया को जो बताया उससे कोरोना की लड़ाई में नई शक्ति मिली है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'करीब-करीब 8 ऐसी संभावित कोरोना वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनकी मैन्यूफैक्चरिंग भारत में ही होनी है.'
पीएम मोदी जानते हैं कि कोरोना वैक्सीन की रेस में फर्स्ट आना उतना जरूरी नहीं है जरूरी है जितना जरूरी है कि सभी तक वैक्सीन पहुंचे और इसीलिए उन्हें भारत की क्षमताओं पर विश्वास है.
उन्होंने कहा कि हमारे भारतीय मैन्यूफैक्चर्स ICMR, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और ग्लोबल इंडस्ट्री के अन्य दिग्गजों के संपर्क में हैं. आप एक तरह से मानकर चलिए कि सभी कमर कसके तैयार बैठे हैं.
गौरतलब है कि भारत कोरोना की इस लड़ाई में सर्वशक्तिमान बनने की राह पर है. भारत वो देश बनेगा जहां एक नहीं 8 वैक्सीन तैयार होंगी और वो पूरी दुनिया की पहुंच में होंगी. यही खबर पीएम मोदी ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को बताई.
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