Trending Photos
कोलकाता: नारद स्टिंग टेप मामले (Narada Sting Tape Case) में कोलकाता हाई कोर्ट (Kolkata High Court) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हाकिम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी. सीबीआई (CBI) ने इन चारों को गिरफ्तार किया था.
हालांकि हाई कोर्ट की पांच जजों वाली बेंच ने इन सभी को अंतरिम जमानत देते हुए कई शर्तें लगाई हैं. बेंच ने चारों आरोपी नेताओं को दो-दो लाख रुपये का निजी मुचलका जमा करवाने का निर्देश दिया है. अभी ये सभी नजरबंद हैं.
बेंच ने उनसे मामले के संबंध में मीडिया में या सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी न करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने आरोपियों को निर्देश दिया है कि जांच अधिकारियों के बुलाए जाने पर वे डिजिटल माध्यम से उनसे मुलाकात करें.
ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान, कही ये बात
कोलकाता हाई कोर्ट के 2017 के आदेश पर नारद स्टिंग टेप मामले की जांच कर रही सीबीआई ने चारों नेताओं को 17 मई की सुबह को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई की एक स्पेशल कोर्ट ने चारों आरोपियों को 17 मई को अंतरिम जमानत दी थी लेकिन हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की खंड पीठ ने बाद में फैसले पर रोक लगा दी थी. इसके बाद इन नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
ये भी पढ़ें- यहां 197 बार एक ही बच्ची हुई लापता, पुलिस हैरान; रिपोर्ट में हुआ खुलासा
बता दें कि पांच जजों की बेंच में कार्यवाहक चीफ जस्टिस राजेश जिंदल, जस्टिस आईपी मुखर्जी, जस्टिस हरीश टंडन, जस्टिस सोमेन सेन और जस्टिस अरिजीत बनर्जी शामिल थे.
LIVE TV