Election के बाद हुई Violence के हर मामले पर Mamta Banerjee सरकार को करनी होगी FIR दर्ज, HC का सख्‍त आदेश
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Election के बाद हुई Violence के हर मामले पर Mamta Banerjee सरकार को करनी होगी FIR दर्ज, HC का सख्‍त आदेश

कोलकाता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को करारा झटका दिया है. कोर्ट ने सरकार को चुनाव के बाद हुई हिंसा का हर मामला दर्ज कराने का आदेश दिया है. साथ ही जांच कर रही टीम का कार्यकाल भी बढ़ा दिया है.

मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

कोलकाता: कुछ ही समय पहले हुए पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विधान सभा चुनाव (Assembly Election) के दौरान तो हिंसा हुई ही, लेकिन नतीजे आने के बाद भी राज्‍य में जमकर हिंसा (Violence) हुई. चुनाव में बहुमत पाकर सत्‍ता में पहुंची ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) को हाई कोर्ट (HC) ने हिंसा के मसले पर अब करारा झटका दिया है. कोलकाता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को आदेश दिया है कि वे हिंसा के इन सभी मामलों की एफआईआर दर्ज कराएं. इसके अलावा वे हिंसा के कारण घायल हुए लोगों का इलाज कराएं और उन्हें मुफ्त में राशन भी दें. कोर्ट ने कहा है कि उन पीड़ितों को भी राशन दिया जाए, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. 

  1. ममता बनर्जी सरकार को हाई कोर्ट से झटका 
  2. चुनाव के बाद हुई हिंसा का हर मामला दर्ज कराने का आदेश 
  3. चीफ सेक्रेटरी से हिंसा से जुड़े मामलों के दस्‍तावेज सुरक्षित रखने कहा 

हिंसा के आरोपों को खारिज करती रही हैं ममता 

बीजेपी (BJP) और पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ चुनाव के बाद की हिंसा को लेकर लगातार मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं. राज्‍यपाल ने कई बार हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ितों के फोटो-वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए बनर्जी से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा. हालांकि राज्‍य सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज करती रही और इसे बीजेपी को प्रोपेगेंडा बताती रही. ऐसे में हाई कोर्ट का यह आदेश ममता सरकार के लिए बड़ा झटका है. 

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मानवाधिकार आयोग की टीम का कार्यकाल भी बढ़ा

हिंसा के हर मामले का केस दर्ज कराने का आदेश देने के साथ-साथ कोर्ट ने एक और सख्‍त कदम उठाया है. कोर्ट ने मामलों की जांच कर रही मानवाधिकार आयोग की टीम का कार्यकाल बढ़ाकर 13 जुलाई तक का कर दिया है. इसी दिन कोर्ट मामले की अगली सुनवाई भी करेगी. आयोग के सदस्‍य राजीव जैन के नेतृत्‍व में इस 7 सदस्‍यीय टीम ने हाल ही में जादवपुर जाकर पीड़ितों से मुलाकात की थी. ममता सरकार ने इस टीम पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. 

इसके अलावा कोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी से कहा है कि वह चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े मामलों के सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखें. 

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