NITI Aayog Meeting Ruckus: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक से बाहर निकल कर हंगामा मचा दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि मीटिंग के दौरान उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका खंडन किया. इस बीच ममता बनर्जी का एक दिन पुराना बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह हंगामा करेंगी.
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Mamata Banerjee In Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी बाहर निकल गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक के दौरान उनका माइक जानबूझकर बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा, "जब मैंने बजट में पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव के बारे में बात करना शुरू किया और राज्य के लिए धन की मांग की, तो उन्होंने मेरा माइक बंद कर दिया और मुझे बोलने से रोक दिया."
ममता बनर्जी के सनसनीखेज आरोपों के बाद सियासी तौर पर हंगामा मच गया. उनके 'राजनीतिक भेदभाव' के आरोप पर नीति आयोग की ओर से सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लंच से पहले समय दिए जाने का अनुरोध किया. इस दौरान उन्होंने अपना बयान दिया. मीटिंग में सभी को 7 मिनट का समय दिया गया था. रक्षा मंत्री ने सिर्फ समय को लेकर इशारा किया था. हमने सम्मानपूर्वक ममता बनर्जी की बातों को सुना और नोट किया. ममता के बीच मीटिंग से जाने के बाद भी उनके मुख्य सचिव कमरे में इंतजार कर रहे थे.
नीति आयोग की बैठक में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की ओर से ममता बनर्जी के आरोपों पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि बैठक में मौजूद सभी मुख्यमंत्रियों को पर्याप्त समय आवंटित किया गया था. सभी सीएम के टेबल के सामने लगी स्क्रीन पर भी यह दिख रहा था. माइक्रोफोन बंद करने का ममता बनर्जी का दावा पूरी तरह से झूठा है. हम सभी ने उनकी बात सुनी. उन्हें झूठ पर आधारित कहानी गढ़ने के बजाय इसके पीछे की सच्चाई को बताना चाहिए.
नीति आयोग और केंद्रीय वित्त मंत्री की सफाई के बाद प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी के माइक बंद करने से जुड़े आरोपों का फैक्ट चेक किया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए PIB Fact Checker ने लिखा, 'दावा किया जा रहा है कि नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था जो आरोप गलत है. घड़ी सिर्फ़ यह दिखा रही थी कि उनका बोलने का समय खत्म हो गया है. यहां तक कि घंटी भी नहीं बजाई गई थी.'
It is being claimed that the microphone of CM, West Bengal was switched off during the 9th Governing Council Meeting of NITI Aayog#PIBFactCheck
▶️ This claim is #Misleading
▶️ The clock only showed that her speaking time was over. Even the bell was not rung to mark it pic.twitter.com/P4N3oSOhBk
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 27, 2024
पोस्ट में आगे लिखा गया है, 'वर्णमाला के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की बारी दोपहर के भोजन के बाद आती, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में शामिल किया गया. क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था. ममता बनर्जी को समय से पहले ही बैठक को छोड़कर जाना था.' इसके बाद कांग्रेस के सीनियर नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा कि ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं कि उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है. वे खुद बंगाल में तानाशाही करती हैं.
ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि नीति आयोग की बैठक को लेकर कहा कि चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट का समय मिला. असम, अरुणाचल, छत्तीसगढ़ और गोवा के मुख्यमंत्रियों ने भी 15-20 मिनट तक अपनी बात रखी. लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट बोलने दिया गया. लोगों ने घंटी बजाकर मुझे रोकना शुरू कर दिया, मैंने कहा कि ठीक है आप बंगाल की बात नहीं सुनना चाहते और मैंने बैठक का बहिष्कार किया और चली गई. इसके बाद उनका एक दिन पुराना बयान भी सामने आया और सवाल उठा कि क्या ममता बनर्जी के आरोप स्क्रिप्टेड थे?
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दरअसल, नीति आयोग की बैठक के लिए दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने साफ कह दिया था कि अगर मुझे बोलने नहीं दिया तो फिर हंगामा कर दूंगी. क्योंकि पहले चर्चा थी कि कांग्रेस और विपक्षी इंडिया गठबंधन के दूसरे कुछ दलों की तरह ममता बनर्ज भी नीति आयोग की बैठक का बायकॉट करेंगी. लेकिन उन्होंने लाइन चेंज की दूसरे विपक्षी मुख्यमंत्रियों की गैर-मौजूदगी में पीएम मोदी से टकराकर फुल एक्सपोजर हासिल करने की प्लानिंग पर आगे बढ़ीं. बैठक में उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र 3 साल से बंगाल के हिस्से का पैसा रोके हुए है. इसके बाद उन्होंने नीति आयोग को ही खत्म करने की मांग भी कर दी.
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भेदभाव, अपमान और नहीं सुने जाने का आरोप लगाने वालीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी स्वभाव से फाइटर हैं. यूथ कांग्रेस के दिनों से अब तक की उनकी पूरी पॉलिटिकल हिस्ट्री में लड़ाकू और जुझारूपन का पैटर्न दिखता है. नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के मुद्दे पर पहले यूटर्न फिर बैठक से तय समय से पहले बाहर आकर आरोपों की झड़ी ने इस बात को साबित कर दिया कि वह पूरी तैयारी कर दिल्ली आई थीं. साथ ही उनके पुराने बयानों से भी साफ था कि वह हंगामा कर सकती हैं और ऐसा ही हुआ.
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