Nayab Singh Saini oath ceremony : नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. पंचकुला में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी (PM Modi) समेत पार्टी के कई बड़े नेता और एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी मौजूद रहे.
Trending Photos
PM Modi NDA meeting: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद दो राज्यों (हरियाणा और जम्मू-कश्मीर) में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. दो राज्यों (महाराष्ट्र और झारखंड) में होने जा रहे हैं. लोकसभा चुनावों में बीजेपी की कुछ सीटें कम पड़ीं तो नीतीश कुमार और नायडू ने केंद्र में मोदी सरकार बनवाकर बीजेपी की हैट्रिक लगवा दी. आम चुनाव में पूर्ण बहुमत ना मिलना बीजेपी (BJP) के लिए बड़ा सेटबैक था, जो उसके लिए 11000 वोल्ट के झटके से कम नहीं था.
हरियाणा में बीजेपी की तीसरी जीत, कांग्रेस द्वारा सेट किए जा रहे नैरेटिव को ध्वस्त करने के लिए 'S-400' और 'आयरन डोम' बन गई. इन नतीजों ने बीजेपी के लिए 'संजीवनी' का काम किया. बीते कुछ महीनों में 'इंडिया' गठबंधन भले ही सिकुड़ गया हो लेकिन बुधवार को जम्मू-कश्मीर में उमर अबदुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में जिस तरह एकजुटता दिखाने की कोशिश की गई, उसके अगले दिन बीजेपी (BJP) ने बेहद विशाल और विराट आयोजन करके विपक्ष के गुब्बारे की हवा निकालने का इंतजाम कर दिया.
शक्ति प्रदर्शन
गुरुवार को एनडीए (National Democratic Alliance) ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया. नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) के शपथ ग्रहण के जरिए एनडीए का शक्ति प्रदर्शन दिखा. पीएम मोदी (PM Modi) व गृह मंत्री अमित शाह के अलावा राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एनडीए के सहोयगी दलों के नेताओं से महामंथन हुआ.
ये भी पढ़ें- जयपुर में शरद पूर्णिमा पर RSS के खीर वितरण कार्यक्रम में चले चाकू, 8 स्वयंसेवक जख्मी
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार जीत दर्ज की. उसे 90 में से 48 सीटें मिली हैं. कांग्रेस को 37 से संतोष करना पड़ा. हरियाणा के इतिहास में कभी कोई पार्टी लगातार तीन चुनाव नहीं जीती. वहीं हरियाणा के इतिहास में बीजेपी की ये अब तक की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस रही. बीजेपी (BJP) नायब सिंह सैनी की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के इस बेहद खास मौके को महज फोटो खिंचवाने तक ही सीमित नहीं रखना चाहती थी. इसलिए पीएम मोदी ने एक बार फिर सियासी सिक्सर लगाते हुए बॉल विपक्ष के सिर के ऊपर से निकालते हुए बाउंड्री के बाहर पहुंचा दी है.
मोदी की महाबैठक
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों से पहले होने वाली बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य लोग शामिल हुए.
भारत के एक बहुत बड़े यानी विशाल हिस्से में भाजपा की अगुवाई वाली या उसके सहयोगी दलों की लीड वाली एनडीए सरकार है. अकेले भाजपा के 13 मुख्यमंत्री और 16 उपमुख्यमंत्री हैं. वहीं आज एनडीए की ताकत और एकता के शक्ति प्रदर्शन में शामिल होने वाले अन्य दलों की बात करें तो महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, सिक्किम, नागालैंड और मेघालय के मुख्यमंत्री जो अन्य एनडीए दलों से हैं वो भी एक मंच पर अपनी ताकत दिखाएंगे. भाजपा के एक बयान में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो भी चर्चा का नेतृत्व करेंगे.
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में तमाम विपक्षी दलों के नेता अपनी एकजुटता दिखाने श्रीनगर गए थे. उसके चंद घंटो बाद एनडीए की महाविराट बैठक करके बीजेपी ने नया सियासी 'खेल' रच दिया है.
भाजपा की ओर से जारी बयान में ये भी बताया गया कि एनडीए के मुख्यमंत्रियों के विचार-विमर्श में राष्ट्रीय विकास के मुद्दों को शामिल करते हुए एक संरचित एजेंडा शामिल होगा. इसी दौरान संविधान का 'अमृत महोत्सव' और 'लोकतंत्र की हत्या के प्रयास की 50 वीं वर्षगांठ' के वर्ष जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई
सैनी के शपथ ग्रहण की तारीख में छिपी कांग्रेस के हमले की 'काट'
17 अक्टूबर दिन गुरुवार को वाल्मिकी जयंती मनाई गई. कई राज्यों की तरह हरियाणा में भी सरकारी छुट्टी यानी अवकाश रहा. उसी दिन नायब सिंह सैनी का शपथ ग्रहण समारोह और एनडीए की बैठक से देश के दलित और ओबीसी मतदाताओं को बड़ा संकेत दिया गया.
रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मिकी की जयंती वाल्मिकी जयंती पर दो काम करके बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए की ओर से 140 करोड़ देशवासियों को (खासकर दलित मतदाताओं) को यह खुलकर बताने की कोशिश की गई कि बीजेपी ही संविधान की रक्षा करती है, उसे एससी-एसटी मतदाताओं की बहुत फिक्र है और वो आरक्षण खत्म करने की वकालत नहीं करती है. जबकि कांग्रेस ने 50 साल पहले इमरजेंसी लगाकर लोकतंत्र का गला घोटा और लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ आरक्षण व्यवस्था बंद करने का झूठा नैरेटिव सेट किया.
भाजपा सूत्रों ने कहा कि अनुसूचित जाति को संकेत देने के लिए यह तारीख बेहद सावधानीपूर्वक चुनी गई थी, क्योंकि ऐसो मतदाताओं का झुकाव लोकसभा के चुनावों के दौरान इंडिया गठबंधन के दो दलों (कांग्रेस और सपा) की ओर झुका हुआ देखा गया था. हालांकि केंद्र में तीसरी बार भाजपा की अगुवाई वाली सरकार बन गई लेकिन 10 साल निष्कंटक राज करने वाली बीजेपी 2024 में अपने दम पर पूर्ण बहुमत से 32 सीट कम रह गई.
देश में कितने दलित मतदाता?
देश की कुल 543 लोकसभा सीट में से 160 सीट ऐसी हैं, जहां दलित मतदाता का असर ज्यादा हैं या दूसरे शब्दों में कहें तो, जो दलित बहुल हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नैरेटिव गढ़ा था कि NDA अगर 400 सौ पार गई तो संविधान संशोधन करके 'आरक्षण' की व्यवस्था खत्म कर देगी. कांग्रेस का दांव काम कर गया वो 46 सीट से बढ़कर 99 सीट जीती तो 'इंडिया' अलायंस की टैली 234 हो गई.
इसी गुणागणित से हरियाणा में भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में पांच सीट का नुकसान हुआ. 2019 में हरियाणा की 10 में से 10 सीट जीतकर क्लीन स्वीप कर चुकी भाजपा पांच सीटों पर सिमट गई. हालांकि कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने तक वक्त और हालात दोनों बदल गए. EXIT पोल के पूर्वानुमानों को धता बताते हुए और कथित सत्ता विरोधी लहर से जूझते हुए, भाजपा न केवल लगातार तीसरी जीत हासिल की, वहीं हरियाणा में अपना अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया.