राज्य सभा सदस्य अमर सिंह (Amar Singh) का सिंगापुर में उपचार के दौरान शनिवार को निधन हो गया, जहां वह किडनी संबंधी बीमारियों का उपचार करा रहे थे. वह 64 वर्ष के थे.
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नई दिल्ली: राज्य सभा सदस्य अमर सिंह (Amar Singh) का सिंगापुर में उपचार के दौरान शनिवार को निधन हो गया, जहां वह किडनी संबंधी बीमारियों का उपचार करा रहे थे. वह 64 वर्ष के थे. उन्होंने 2011 में किडनी का प्रतिरोपण कराया था और लंबे समय से अस्वस्थ थे.
अमर सिंह का पार्थिव शरीर विशेष विमान से सिंगापुर से दिल्ली शाम 6 बजे तक पहुंचेगा. सिंगापुर में जब अमर सिंह का निधन हुआ, उस वक्त उनकी पत्नी और दोनों बेटियां मौजूद थीं.
अमर सिंह के करीबी दोस्त व परिवार के सदस्य दिल्ली पहुंच चुके हैं. अमर सिंह के पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट से उनके दिल्ली स्थित छतरपुर फार्महाउस ले जाया जाएगा. अमर सिंह के करीबियों के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार सोमवार को होगा.
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राज्य सभा सदस्य अमर सिंह (Amar Singh) एक ऐसे नेता के रूप में जाने जाते रहेंगे, जिन्होंने बहुत ही कौशल से राजनीति के तार कॉरपोरेट जगत से जोड़े और इसमें फिल्मी ग्लैमर का कुछ अंश भी शामिल किया. फिर, समाजवादी नेता मुलायम सिंह (Mulayam Singh) से अनूठे जुड़ाव के साथ गठबंधन युग की राजनीति में एक अमिट छाप भी छोड़ी.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आजमगढ़ में जन्मे सिंह ने कोलकाता (Kolkata) में कांग्रेस के छात्र परिषद के युवा सदस्य के रूप में अपने सफर की शुरूआत की, जहां उनके परिवार का कारोबार था, फिर वह लुटियंस दिल्ली की राजनीति में राजनीतिक प्रबंधन का चर्चित चेहरा बन गए.
उद्योग जगत में उनके संपर्क की बदौलत सपा को अच्छी खासी कॉरपोरेट आर्थिक मदद मिलती थी और एक समय में पार्टी में मुलायम सिंह के बाद वह दूसरे नंबर पर नजर आने लगे थे.
मुलायम के जन्म स्थान पर मनाए जाने वाला वार्षिक सैफई महोत्सव राष्ट्रीय सुर्खियों में रहने लगा क्योंकि समाजवादी पार्टी के अच्छे दिनों में वहां बॉलीवुड के कई सितारे कार्यक्रम पेश करने आया करते थे.
कोलकाता के बड़ा बाजार में कारोबार में अपने परिवार की मदद करने के दौरान ही वह कांग्रेस के संपर्क में आए थे और छात्र परिषद के युवा सदस्य बने थे. छात्र परिषद बंगाल में कांग्रेस की छात्र शाखा है.