लॉकडाउन के दौरान पीएम तीसरी बार देश की जनता को रेडियो के माध्यम से संबोधित कर रहे हैं.
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नई दिल्ली: कोरोना काल (Corona) और देश में जारी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज देश की जनता से 'मन की बात' (MannKiBaat) की. पीएम ने कहा कि दो महीने के लॉकडाउन के बाद देश में एक बार फिर से सब कुछ खुल रहा है ऐसे में हमें और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना से डटकर मुकाबला कर रही है साथ ही देश में सभी के सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बड़ी मजबूती से लड़ी जा रही है. पीएम ने एक बार फिर दो गज की दूरी बहुत है जरूरी पर जोर दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि तमाम सावधानियों के साथ हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुए हैं, यानी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है. ऐसे में हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्कयकता है. दो गज की दूरी का नियम हो, मुंह पर मास्क लगाने की बात हो, इन सारी बातों का पालन करना है.
प्रधानमंत्री ने मन की बात में देश के ऐसे कुछ लोगों का जिक्र भी किया जो कोरोना काल में लगतार लोगों की मदद में लगे हुए हैं. पंजाब के पठानकोट से दिव्यांग भाई राजू ने दूसरों की मदद से जोड़ी गई छोटी सी पुंजी से 3000 से अधिक मास्क बनाकर लोगों में बांटे और 100 परिवारों के लिए राशन जुटाया. सेवाभाव से लोगों की मदद कर रहे ऐसे सभी लोगों की मैं प्रशंसा करता हूं, उनका तहे दिल से अभिनंदन करता हूं.
पीएम ने कहा कि एक और बात जो मेरे मन को छू गई, वो है संकट की इस घड़ी में इनोवेशन, गांवों से लेकर शहरों तक छोटे व्यापारियों से लेकर स्टार्ट-अप तक, हमारी लैब्स कोरोना से लड़ाई में नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं, नए इनोवेशन कर रहे हैं. किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए इच्छाशक्ति के साथ ही, बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है. हजारों साल की मानव जाति की यात्रा लगातार इनोवेशन से ही इतने आधुनिक दौर में पहुंची है.
उन्होंने कहा कि देश के श्रमिकों की पीड़ा आज पूरा देश महसूस कर रहा है. रेलवे उनकी सेवा में लगातार लगी हुई है. पूर्वी भारत के लोग देश की अर्थव्यवस्था में अहम रोल अदा करते हैं. प्रवासी मजदूरों को देखते हुए बहुत से कदम उठाना आवश्यक हो गया है और हम उसकी तरफ आगे बढ़ रहे हैं. पीएम ने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत की अत्यधिक आवश्यकता महसूस की जा रही है. आज हमारे गांव और कस्बे आत्मनिर्भर होते तो हमें कोरोना काल में ये दिन न देखने पड़ते.
उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों को स्किल्ड बनाने के लिए कई कदम उठा रही है. कहीं श्रमिकों की स्किल मैपिंग का काम हो रहा है, कहीं स्टार्ट-अप इस काम में जुटे हैं, कहीं माइग्रेशन कमीशन बनाने की बात हो रही है. साथ ही केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं उससे गांवों में रोजगार, स्वरोजगार और लघु उद्योग से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं.
बहुत से लोगों ने ये बताया है कि उन्होंने, जो जो समान उनके इलाके में मिलते हैं, उनकी उन्होंने पूरी लिस्ट बना ली है. ये लोग अब लोकल प्रोडक्ट्स को ही खरीद रहे हैं और 'वोकल फॉर लोकल' को प्रमोट कर रहे हैं.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई का रास्ता लंबा है. एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज ही नहीं है, जिसका पहले का अनुभव ही नहीं है, तो ऐसे में नई-नई चुनौतियां और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं. देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है और वो है- देशवासियों की सेवाशक्ति.
पीएम ने बताया कि कुछ ही दिन पहले आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ के पार हो गई. अगर गरीबों को अस्पताल में भर्ती होने के बाद इलाज के लिए पैसे देने पड़ते, इनका मुफ्त इलाज नहीं होता तो एक मोटा-मोटा अंदाजा है कि उन्हें 14 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा अपनी जेब से खर्च करने पड़ते.
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि मेरी दुनिया के सभी बड़े नेताओं से बात होती है और सभी एक ही बात पर जोर देते हैं और वो है योग. उन्होंने कहा कि योग दिवस भी करीब आ रहा है ऐसे में आयुष मंत्रालय ने लोगों के लिए एक नई पहल की है. आप भी योगासन करते हुए अपना तीन मिनट का वीडियो आयुष मंत्रालय को भेज सकते हैं.
सुपर साइक्लोन अम्फान का जिक्र करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोगों ने जिस तरह इस प्राकृतिक आपदा का सामना किया है वह वाकई काबिले तारीफ है. मैं उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि संकट की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ है.
पीएम मोदी ने मन की बात में टिड्डी दल का जिक्र करते हुए कहा कि प्रकृति ने हमें बता दिया है कि एक छोटा सा जीव हमारे जीवन में कितनी बड़ी तबाही ला सरता है. किसान भाइयों को टिड्डियों के कहर से बचाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 जून को पर्यावरण दिवस है. ऐसे में हम सभी को संकल्प लेना है कि हम अपनी प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर चलेंगे. पीएम ने कहा कि गर्मी बढ़ गई है ऐसे में पछियों का भी हमें ख्याल रखना है. हमें उनके लिए पानी का इंतजाम करना है. प्रधानमंत्री ने मन की बात के समापन में कहा कि लॉकडाउन धीरे-धीरे खुल रहा है लेकिन कोरोना संकट अभी खत्म नहीं हुआ है ऐसे में हमें अपना और अपनों का ध्यान रखना है. उन्होंने कहा कि दो गज दूरा, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करें.