DNA Analysis: देश में LPG Gas Cylinder के दाम क्यों बढ़ते जा रहे हैं? क्या आप जानते हैं इसकी असली वजह
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DNA Analysis: देश में LPG Gas Cylinder के दाम क्यों बढ़ते जा रहे हैं? क्या आप जानते हैं इसकी असली वजह

Reason for increase the price of LPG Cylinder: विपक्षी पार्टी इन दिनों देश में एलपीजी सिलेंडरों के दाम बढ़ने का आरोप लगा रही हैं. लेकिन क्या आपको पता है बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर का दाम आज भी 2013 वाला ही है. फिर महंगाई का आरोप किस आधार पर लग रहा है. 

DNA Analysis: देश में LPG Gas Cylinder के दाम क्यों बढ़ते जा रहे हैं? क्या आप जानते हैं इसकी असली वजह

Reason for increase the price of LPG Cylinder: देश के लोगों के मन में इन दिनों बड़ा सवाल है कि आखिर रसोई गैस सिलिंडर लगातार महंगा क्यों हो रहा है? लोग यह भी जानना चाहते हैं कि दूसरे देशों में LPG सिलिंडर की क्या कीमतें हैं? हमारे देश में महंगाई पर अब सिर्फ़ राजनीति होती है. नेता दिन-रात आपको महंगाई के नाम पर गुस्सा दिलाते रहते हैं. विपक्ष का आरोप है कि इस सरकार में LPG सिलिंडर ने महंगाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. लेकिन केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया है कि भारत में रसोई गैस सिलिंडर की कीमत पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा से कम है.

पड़ोसी देशों से भारत में सस्ता है सिलेंडर

भारत में 14.2 किलोग्राम के LPG सिलिंडर की कीमत 1 हजार 53 रुपये है. जबकि पाकिस्तान में इसी LPG सिलिंडर की कीमत 1 हज़ार 113 रुपये है. श्रीलंका में 1 हजार 243 रुपये, नेपाल में 1 हजार 139 रुपये, ऑस्ट्रेलिया में 1 हज़ार 764 रुपये, अमेरिका में 1 हजार 754 रुपये और कनाडा में इसकी कीमत 2 हजार 411 रुपये है. यहां हम आपको ये बता दें कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा में Propane गैस इस्तेमाल होती है. जबकि भारत में जो LPG सिलिंडर इस्तेमाल होता है, उसमें 60 प्रतिशत Propane गैस होती है और 40 प्रतिशत Butane Gas होती है. तो ये कीमतें उसी हिसाब से निकाली गई हैं. इसकी जानकारी खुद केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी है. 

हालांकि यहां आपके मन में ये भी सवाल होगा कि जब भारत में LPG सिलिंडर इन देशों के मुकाबले सस्ता है तो फिर महंगाई का प्रश्न कहां से आता है? क्योंकि विपक्ष तो यही आरोप लगा रहा है कि वर्ष 2014 के बाद LPG सिलिंडर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. तो सच कौन बोल रहा है, ये समझना बेहद ज़रूरी है. ये मामला बहुत पेंचीदा है. इसलिए आज हम आपको बड़े ही सरल शब्दों में सिलिंडर का ये पूरा अर्थशास्त्र समझाते हैं. इसे जानने के लिए आपको आठ वर्ष पीछे यानी वर्ष 2014 में जाना होगा.

यूपीए सरकार में आज से 188 रुपये महंगा था सिलेंडर

मार्च 2014 में यानी जब देश में UPA की सरकार थी और प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह थे, उस समय बिना सब्सिडी वाले LPG सिलिंडर की कीमत 1 हजार 241 रुपये थी. जबकि आज की तारीख में बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत 1 हजार 53 रुपये है. यानी अगर इस हिसाब में हम देखें तो 2014 में बिना सब्सिडी वाला सिलिंडर आज के मुकाबले 188 रुपये महंगा था.

अब फिर से उसी सवाल पर आते हैं कि जब मौजूदा समय में बिना सब्सिडी वाला सिलिंडर 2014 के मुकाबले 188 रुपये सस्ता है तो फिर महंगाई का प्रश्न कहां से आता है तो असली कहानी यहीं से शुरू होती है. साल 2014 में LPG सिलिंडर की कीमत 1 हजार 241 रुपये जरूर थी लेकिन उस समय भारत के आम लोगों को सालाना 9 सिलिंडर पर सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती थी.

यानी एक साल में अगर आप 9 सिलिंडर लेते हैं तो उस पर सरकार आपको सब्सिडी देती थी और इस सब्सिडी का खर्च हज़ारों करोड़ों रुपये में होता था. इसे ऐसे समझिए कि मार्च 2014 में 14.2 किलोग्राम के एक LPG सिलिंडर की कीमत 1241 रुपये थी. लेकिन सब्सिडी मिलने के बाद ये सिलिंडर आम लोगों को सिर्फ 410 रुपये का पड़ता था.

पहले सरकार सब्सिडी पर चुकाती थी करोड़ों रुपये

अगर रुपये में कहें तो हर सिलिंडर पर सरकार 600 रुपये से ज्यादा सब्सिडी के रूप में चुकाती थी और आम लोगों को सिर्फ 410 रुपये देने होते थे. उस वक्त की जो कीमतें हम आपको बता रहे हैं, वो थोड़ी ज्यादा और कम हो सकती हैं. इसके बाद जब देश में NDA की सरकार आई और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो गरीब परिवारों और महिलाओं को रसोई गैस सिलिंडर का लाभ देने के लिए सरकार ने उज्जवला स्कीम शुरू की. इसके तहत गरीब परिवारों और महिलाओं को मुफ्त LPG कनेक्शन बांटे गए.

इसके अलावा सरकार ने लोगों से ये अपील भी की कि अगर वो बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर का खर्च उठा सकते हैं तो उन्हें अपनी स्वेच्छा से इस सब्सिडी को छोड़ देना चाहिए. इस अपील का गहरा असर हुआ. इस अपील के बाद एक करोड़ से ज्यादा लोग अपनी स्वेच्छा से सिलिंडर पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ दी थी. इसके अलावा सरकार ने ये नियम भी बना दिया कि अगर किसी व्यक्ति की सालाना कमाई 10 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसे सिलिंडर पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी. इन फैसलों का ये असर हुआ कि हमारा देश सब्सिडी वाले सिलिंडर से बिना सब्सिडी वाले सिलिडंर की तरफ तेज़ी से बढ़ने लगा और सब्सिडी पर सरकार का जो भारी भरकम खर्च होता था, वो भी बहुत कम हो गया.

वर्ष 2014 में सरकार ने गंवाए 40 हजार करोड़ रुपये

कुछ आंकड़े आपको बताते हैं. वर्ष 2014 में जब सब्सिडी वाला सिलिंडर 1241 रुपये की जगह 410 रुपये का मिलता था, उस समय सरकार इस सब्सिडी पर सालाना 40 हज़ार 551 करोड़ रुपये खर्च करती थी. लेकिन जब लोगों ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ना शुरू किया और सरकार की तरफ़ से भी कुछ नियम बना दिए गए तो ये खर्च धीरे धीरे कम होने लगा. वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार ने सिलिंडर पर सब्सिडी देने के लिए 23 हज़ार 464 करोड़ रुपये खर्च किए. 2018-19 में 37 हज़ार 209 करोड़ रुपये, 2019-20 में 24 हज़ार 172 करोड़ रुपये, 2020-21 में 11 हज़ार 896 करोड़ रुपये और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2021-22 में  इस पर सिर्फ़ 242 करोड़ रुपये खर्च किए.

यानी जहां 2014 में सरकार सिलिंडर पर सब्सिडी देने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही थी. वो खर्च 2021 आते आते सिर्फ 242 करोड़ रुपये रह गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जून 2020 में जब कोविड आया, तब सरकार ने रसोई गैस सिलिंडर पर दी जाने वाली सब्सिडी पूरी तरह से समाप्त कर दी. यानी अब हमारे देश में सिलिंडर पर सभी लोगों को सब्सिडी नहीं मिलती.  यही वजह है कि अब लोगों को ऐसा लगता है कि सिलिंडर महंगा हो गया है. जबकि सच ये है कि सिलिंडर पर सरकार ने सब्सिडी खत्म कर दी है, जिससे अब लोगों को सिलिंडर की 100 प्रतिशत कीमत खुद से देनी पड़ रही है. जबकि पहले ऐसा नहीं होता था.

11 दिसम्बर 2013 को देश में बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत 1 हज़ार 21 रुपये थी. 2014 में ये 1250 रुपये हो गई. इसके बाद जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों की ऐतिहासिक गिरावट आई तो रसोई गैस सिलिंडर काफी सस्ता हो गया. एक जनवरी 2016 को इसके दाम 657 रुपये 5 पैसे थे. एक जनवरी 2018 को ये कीमतें 741 रुपये पर पहुंच गईं. और फिर एक जनवरी 2020 को यही सिलिंडर 714 रुपये का हो गया और अब देश में एक रसोई गैस सिलिंडर की औसतन कीमत 1 हज़ार 53 रुपये है. 

देश में तेजी से बढ़ी है एलपीजी सिलेंडरों की मांग

यहां हम आपको कुछ और ज़रूरी आंकड़े बताना चाहते हैं. क्या आपको पता है भारत में रसोई गैस सिलिंडर की पहुंच कितनी आसान हुई है. आज भारत में साढ़े 30 करोड़ परिवारों के पास LPG Connections हैं. बड़ी बात ये है कि इनमें से 9 करोड़ 17 लाख LPG Connections उज्जवला योजना के तहत देश के गरीब परिवारों और महिलाओं को बांटे गए हैं. इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों में भारत में LPG गैस की खपत काफी बढ़ गई है. 2013 में LPG गैस की खपत डेढ़ करोड़ Metric Ton थी. जो 2020 में 2 करोड़ 63 लाख Metric Ton हो चुकी है.

इसके अलावा भारत में आज हर 100 परिवारों पर 103 LPG सिलिंडर है. सबसे ज्यादा पंजाब में हर 100 परिवारों पर 146 सिलिंडर हैं, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में 125 सिलिंडर हैं. उत्तर प्रदेश में 112, बिहार में 85, गुजरात में 78 और महाराष्ट्र में हर 100 परिवारों पर 106 सिलिंडर हैं. यहां आज आपको ये भी समझना चाहिए कि अब देश में किन लोगों को सिलिंडर पर सब्सिडी मिल सकती है

भारत सरकार ने कहा है कि अब देश में केवल उन्हीं लोगों को हर सिलिंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी मिलेगी, जिन्हें उज्जवला योजना के तहत मुफ्त LPG Connections बांटे गए हैं. इससे सरकार पर सब्सिडी का सालाना 6100 करोड़ रुपये बोझ बढ़ेगा. यहां लगे हाथ आज आप ये भी समझ लीजिए कि उज्जवला योजना के तहत किन लोगों को मुफ्त LPG कनेक्शन दिए जाते हैं. दलित और पिछड़ी जातियों से आने वाली महिलाएं और परिवार, प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी, ऐसे लोग जो अन्त्योदय अन्न योजना के लाभार्थी हैं. इसके अलावा वो आदिवासी जो चाय के बागानों में काम करते हैं या काम करते थे. गरीब और आर्थिक रूप से पिछड़े लोग उज्जवला योजना के तहत मुफ्त LPG कनेक्शन ले सकते हैं और उन्हें सरकार ने हर सिलिंडर पर 200 रुपये सब्सिडी देने का ऐलान किया है.

पेट्रोल-डीजल पर भी खत्म हो चुकी है सब्सिडी

हालांकि बाकी लोगों को अब सिलिंडर पर सब्सिडी नहीं मिलेगी. शायद आपको पता नहीं होगा कि एक जमाने में पेट्रोल पर भी हमारे देश में सरकार सब्सिडी देती थी, जिसे वर्ष 2010 में खत्म कर दिया गया था. इसके बाद डीजल पर मिलने वाली सब्सिडी को 2014 में खत्म किया गया और फिर Kerosene पर दी जाने वाली सब्सिडी भी सरकार ने खत्म कर दी. अब सिलिंडर भी इस सूची में आ गया है.

यहां आपको ये बात भी समझनी चाहिए कि आज से दो दशक पहले हर घर में रसोई गैस सिलिंडर नहीं होता था. जिसकी वजह से भारत को LPG गैस ज्यादा Import नहीं करनी पड़ती थी. वर्ष 2001 में भारत सिर्फ 12 प्रतिशत LPG गैस आयात करता था जबकि 88 प्रतिशत गैस का उत्पादन भारत में होता था. लेकिन जैसे जैसे LPG गैस की खपत बढ़ी और उत्पादन में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई तो भारत पेट्रोल और डीजल की तरह LPG गैस के लिए भी दूसरे देशों पर निर्भर हो गया. 2013 में भारत 30 प्रतिशत, 2017 में 45 प्रतिशत और आज अपनी ज़रूरत की 60 प्रतिशत LPG गैस दूसरे देशों से Import करता है. जब कोई देश किसी चीज़ के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हो तो उसकी कीमतें उसके नियंत्रण में नहीं होती. यही वजह है कि आज सिलिंडर की कीमतें समय समय पर बढ़ती रहती हैं.

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