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पटियाला: लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट की जांच कर रही पुलिस ने एक लेडी कॉन्स्टेबल को हिरासत में लिया है. ये महिला कॉन्स्टेबल बम धमाके में मारे गए गगनदीप सिंह की गर्लफ्रेंड है. कमलजीत कौर नामक ये महिला कॉन्स्टेबल मौजूदा समय में खन्ना पुलिस जिला के एसपी हेडक्वार्टर की नायब रीडर थी. इस बीच धमाके की जांच कर रही टीम ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों को शनिवार दोपहर 3 बजे लुधियाना कोर्ट में पेश किया.
बताया जा रहा है कि कोर्ट में बम फिट करते समय हुए धमाके में मारा गया गगनदीप अपनी पत्नी से विवाद होने के बाद कॉन्स्टेबल कमलजीत कौर के साथ ही रह रहा था. 2019 में ड्रग केस में गिरफ्तारी के समय गगनदीप सिंह भी पुलिस हेड कॉन्टसेबल था. पुलिस महकमे में 8 साल की नौकरी के दौरान गगनदीप सिंह भी खन्ना में एसपी हेडक्वार्टर का रीडर रहा. उसी समय उसकी दोस्ती नायब रीडर के पद पर तैनात कॉन्स्टेबल कमलजीत कौर से हुई.
ड्रग केस में पकड़े जाने के बाद 2 साल जेल में गुजारने वाला गगनदीप 8 सितंबर 2021 को ही जमानत पर जेल से बाहर आया था. उसी समय से वह लेडी कॉन्स्टेबल कमलजीत कौर के संपर्क में था. पंजाब के आला अधिकारी ने लेडी कॉन्स्टेबल को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
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जांच एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया है कि ड्रग केस में गिरफ्तारी के बाद गगनदीप 2 साल लुधियाना जेल में रहने के दौरान ही आतंकियों के लिंक में आया. आतंकियों से उसका संपर्क कुख्यात ड्रग तस्कर रणजीत सिंह उर्फ चीता ने करवाया.
अमृतसर जिले में अजनाला एरिया के लाधोके गांव का रणजीत सिंह उर्फ चीता खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा का पुराना साथी है. हरविंदर सिंह रिंदा इस समय पाकिस्तान में है और वहीं बैठकर पंजाब में ड्रग तस्करों और गैंगस्टरों के जरिए बम ब्लास्ट की प्लानिंग करता रहा है.
लुधियाना धमाके की जांच कर रही टीम ने जेल में बंद रणजीत सिंह उर्फ चीता को प्रोडक्शन वारंट पर ले लिया है. सितंबर में जमानत पर बाहर आने के बाद भी गगनदीप जेल में बैठे रणजीत के संपर्क में बना हुआ था. लुधियाना कोर्ट में बम धमाके से पहले भी उसने रणजीत सिंह के साथ बात की. उसके बाद बम फिट करते समय हुए ब्लास्ट में गगनदीप की ही मौत हो गई.
एनआईए ने पंजाब-हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन चलाकर सिरसा के बेगू गांव से रणजीत उर्फ चीता समेत तीन आरोपियों को दबोचा था. 2660 करोड़ रुपए की हेरोइन मंगवाने का मास्टरमाइंड था चीता. भारत-पाक इंटरनेशनल बॉर्डर के नजदीक पड़ते लाधोके गांव के रणजीत सिंह उर्फ चीता के पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी संगठनों और वहां के ड्रग तस्करों से पुराने संबंध हैं. चीता ने ही 2019 में पाकिस्तान से 532 किलो हेरोइन मंगवाई थी. 2660 करोड़ रुपए की यह हेरोइन पाकिस्तान के रास्ते आने वाले अफगानिस्तान के नमक की बोरियों में छिपाकर भेजी गई. अटारी बॉर्डर पर कस्टम की जांच के दौरान यह हेरोइन पकड़ी गई.
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पुलिस के अनुसार, गगनदीप सिंह की पेशी 24 दिसंबर को ग्राउंड फ्लोर पर ही एक अदालत में थी. उसके खिलाफ नशा तस्करी का आपराधिक मामला मोहाली की STF कोर्ट में दर्ज किया गया था और वो 8 सितंबर को अदालत से जमानत पर बाहर आया था. लगातार कुछ लोगों के संपर्क में था. वो घर पर भी यही कहकर आया था कि वो वकील से मिलने के लिए जा रहा है.
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