कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने की जिम्मेदारी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी को कक्षा पहली में प्रवेश के लिए गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज बच्चों के नाम की सूची तैयार करनी होगी. ये लोग गांव में सर्वे कर नए बच्चों की जानकारी एकत्र करेंगे.
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रायपुर: कोरोना संक्रमण काल में लगे लॉकडाउन के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. अब छत्तीसगढ में छात्रों की पढ़ाई को पटरी पर लाने की शुरुआत हो चुकी है. राज्य में सरकारी स्कूलों में 1 अगस्त से प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो रही है.
कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने की जिम्मेदारी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी को कक्षा पहली में प्रवेश के लिए गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज बच्चों के नाम की सूची तैयार करनी होगी. ये लोग गांव में सर्वे कर नए बच्चों की जानकारी एकत्र करेंगे.
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बताया जा रहा है कि 6वीं कक्षा में प्रवेश के लिए प्राइमरी स्कूल के प्रधान पाठक छात्रों की सूची और मिडिल स्कूल के दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे. इसी प्रकार कक्षा 9वीं और 11वीं कक्षा में प्रवेश के लिए कक्षा 8वीं पास के आवश्यक दस्तावेज भी उपलब्ध कराने होंगे. शेष सभी अगली कक्षा में प्रवेश पिछली कक्षा के आधार पर दिए जाने हैं.
बताया जा रहा है कि 01 से 20 अगस्त तक एडमिशन प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी. स्कूलों में प्रवेश के दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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