इंदौर के BJP सांसद को सिंधी में नहीं हिंदी में शपथ लेनी चाहिए थी: कांग्रेस
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इंदौर के BJP सांसद को सिंधी में नहीं हिंदी में शपथ लेनी चाहिए थी: कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष व इस क्षेत्र की लगातार आठ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन से सबक लेते हुए लालवानी को हिन्दी में शपथ लेनी चाहिए थी. 

 सिंधी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 जुबानों में से एक है.

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी के संसद में सिंधी भाषा में शपथ लेने पर कांग्रेस ने मंगलवार को सवाल खड़े किये. कांग्रेस का कहना है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष व इस क्षेत्र की लगातार आठ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन से सबक लेते हुए लालवानी को हिन्दी में शपथ लेनी चाहिए थी. 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'ताई (महाजन का लोकप्रिय उपनाम) मूलत: मराठी भाषी होने के बावजूद हिन्दी में शपथ लेती थीं. लेकिन इंदौर क्षेत्र के उनके चुनावी उत्तराधिकारी लालवानी ने हिन्दी में शपथ लेना मुनासिब नहीं समझा'.

उन्होंने कहा, 'इंदौर लोकसभा क्षेत्र के 23.5 लाख मतदाताओं की आम बोलचाल की भाषा हिन्दी है. इसके मद्देनजर लालवानी को हिन्दी में ही शपथ लेनी चाहिये थी. शपथग्रहण के दौरान हिन्दी के प्रति असम्मान जताने पर उन्हें इंदौर के मतदाताओं से माफी मांगनी चाहिये'.

उधर, लालवानी ने मीडिया से कहा कि सिंधी उनकी मातृभाषा है और संसद में इस जुबान में उनके शपथ लेने को लेकर अनर्गल विवाद खड़ा नहीं किया जाना चाहिये, क्योंकि लोकसभा सदस्यों का अलग-अलग भाषाओं में शपथ लेना दिखाता है कि देश में अनेकता में एकता है. 

अपने राजनीतिक करियर में पहली बार चुनकर लोकसभा पहुंचे 57 वर्षीय भाजपा नेता ने कहा, 'मैंने संसद में केवल 40 सेकंड की शपथ सिंधी में ली. लेकिन अगले पांच साल मुझे लोकसभा सांसद के रूप में सदन में हिन्दी ही बोलनी है. वैसे भी मैं और मेरा परिवार आमतौर पर हिन्दी में ही बात करता है'.

लालवानी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गये हैं. कांग्रेस को बताना चाहिये कि उन्होंने मलयालम के बजाय अंग्रेजी में शपथ क्यों ली?'. 

इस बीच, लालवानी के सिंधी भाषा में शपथ लेने पर सिंधी समुदाय में खुशी का माहौल है. समुदाय के संगठन अखिल भारतीय सिंधी महासभा के संरक्षक किशोर कोडवानी ने कहा, 'संसद में लालवानी के सिंधी भाषा में शपथ लेने से हमारी मातृभाषा का मान बढ़ा है'. कोडवानी ने मोटे अनुमान के हवाले से बताया कि देशभर में 55 से 60 लाख लोग सिंधी भाषा बोलते हैं. सिंधी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 जुबानों में से एक है. 

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