Navratri 2024: छत्तीसगढ़ में भक्ति की मिसाल, मनोकामना के लिए 23 साल के हरीशचंद्र ने ली 9 दिन की समाधि
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Navratri 2024: छत्तीसगढ़ में भक्ति की मिसाल, मनोकामना के लिए 23 साल के हरीशचंद्र ने ली 9 दिन की समाधि

Rajnandgaon News: चैत्र नवरात्रि के मौके पर छत्तीसगढ़ से माता रानी के एक अनूठे भक्त की तस्वीर सामने आई है. 23 साल के युवा भक्त ने मां से मनोकामना पूर्ति के लिए 9 दिन की जमीन समाधि ली है. युवक की इस समाधि के बारे में पता चलते ही दूर-दूर से लोग उसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं. 

Navratri 2024: छत्तीसगढ़ में भक्ति की मिसाल, मनोकामना के लिए 23 साल के हरीशचंद्र ने ली 9 दिन की समाधि

Chhattisgarh News: चैत्र नवरात्रि के दिन चल रहे हैं. माता रानी के मंदिरों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. शक्ति की भक्ति के लिए लोग 9 दिनों का व्रत रख रहे हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में मां के एक युवा भक्त ने 9 दिन की समाधि ले ली है. 23 साल के हरिशचंद्र ने खुद को कंधे तक जमीन के अंदर कर लिया है. अब वह नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक ऐसे ही रहेगा. हरिशचंद्र के समाधि लेने की बात जब लोगों के बीच पहुंची तो उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे. 

युवक ने ली समाधि
नवरात्रि के दौरान लोग मातारानी के प्रति अपनी आस्था जताने के लिए ज्योति प्रज्वलित करते हैं या 9 दिनों का व्रत रखकर भक्ति भाव से मां की पूजा-अर्चना करते हैं. लेकिन राजनांदगांव जिला स्थित डोंगरगांव के पास स्थित एक छोटे से गांव में मातारानी के भक्त की अनोखी तस्वीर देखने को मिली. ग्राम मारगांव के 23 साल के हरीशचंद्र ने अपने घर के आंगन में खुद को कंधे तक जमीन के अंदर समाधि ले ली है. 

मनोकामना के लिए ली समाधि 
माता रानी के अनूठे भक्त हरीशचंद्र ने बताया कि समाधि के लिए उन्हें उनके गुरु से प्रेरणा मिली. साथ ही उनकी अपनी मनोकामना भी है इसीलिए समाधि ली है.  हालांकि, हरिशचंद्र अपनी मान्यता सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं इसलिए वे किसी को भी इस बारे में नहीं बता रहे हैं. अपने माता-पिता की इकलौती संतान हरीशचंद्र अपने पिता और बुजुर्ग दादी के साथ रहते हैं.

घर के बाहर लगी लोगों की कतार
गांव में जब हरीशचंद्र के समाधि लेने की खबर लोगों के बीच पहुंची तो दूर-दूर से लोग उन्हें देखने के लिए पहुंचने लगे. उनके गांव के अलावा आसपास के क्षेत्रों से  भी लोग हरीश के घर पहुंच गए, जिससे उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ लगने लगी. साथ ही पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया. 

पहले दिन ली समाधि 
गांव के लोगों ने बताया कि हरीश के समाधि लेने के बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता था. नवरात्रि के पहले दिन हरीशचंद्र ने घर के आंगन में एक गड्ढा खोदा और समाधी ले ली. इसके बाद गांव के लोगों ने वहां पंडाल लगाकर पूजा-अर्चना शुरू करा दी. दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से भी परेशानिया बढ़ी लेकिन मातारानी की आस्था के सामने सारी बाधाएं ग्रामीणों ने आपस में सहयोग कर दूर कर ली. 

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स्वास्थ्य परीक्षण पर रखी जा रही नजर 
इस बारे में जब प्रशासन को जानकारी मिली तो डोंगरगांव स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टरों की टीम वहां पहुंची. अब टीम लगातार डेली युवक का स्वास्थ्य परीक्षण कर उसके स्वास्थ्य पर नजर रख रही है. हरीश की समाधि को लेकर राजनांदगांव के मुख्य स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने बताया कि मिट्टी के भीतर शरीर रहने से इचिंग और इंफेक्शन हो सकते हैं. इस मामले में उनकी मेडिकल टीम द्वारा लगातार जांच की जा रही है. युवक का BP, नर्व और सारे फंक्शन अभी तक बराबर काम कर रहे हैं. इन 9 दिनों में उनके स्वास्थ्य में कोई परेशानी आती है तो मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की कोशिश की जाएगी. 

बता दें कि हरीशचंद्र भिलाई की एक कंपनी में गैस कटर का काम करते हैं. माता के प्रति उनकी आस्था और भक्ति को देखकर लोग हैरान हैं. 

इनपुट- राजनांदगांव से किशोर शिल्लेदार की रिपोर्ट, ZEE मीडिया 

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