सीएम बघेल ने कहा कि राज्यपाल जो कर रही हैं, वो उनका अधिकार ही नहीं है. राज्यपाल के विधिक सलाहकार उन्हें गलत सलाह दे रहे हैं.
Trending Photos
रुपेश गुप्ता/रायपुरः आरक्षण के मुद्दे पर राज्यपाल अनुसूईया उइके के रुख से सीएम बघेल ने नाराजगी जताई है. बता दें कि सरकार ने आरक्षण विधेयक विधानसभा में पास कराकर संवैधानिक मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा था लेकिन राज्यपाल अनुसूईया उइके ने अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.इतना ही नहीं राज्यपाल ने आरक्षण को लेकर 10 बिंदुओं पर सरकार से जवाब भी मांग लिए हैं. इसे लेकर सीएम भूपेश बघेल ने नाराजगी जताई है.
सीएम बघेल ने कहा कि राज्यपाल जो कर रही हैं, वो उनका अधिकार ही नहीं है. राज्यपाल के विधिक सलाहकार उन्हें गलत सलाह दे रहे हैं. विधानसभा से पारित होने के बाद विभागों से जानकारी नहीं मांगी जाती. सीएम ने कहा कि राजभवन के अधिकारी बीजेपी की कठपुतली बने हुए हैं. उनके निर्देशों पर काम कर रहे हैं, जो राज्य हित में नहीं है.
76 फीसदी आरक्षण देने पर सीएम ने तर्क दिया कि ईडब्लूएस आरक्षण लागू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट की 50 फीसदी की गाइडलाइन अप्रासंगिक हो चुकी है. केंद्र सरकार ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दे रही है फिर राज्य सरकार दे रही है तो क्या गलत है? बीजेपी को निशाने पर लेते हुए सीएम ने कहा कि बीजेपी ने विधानसभा में बिल का समर्थन किया तो बाहर विरोध कैसे करेंगे. भाजपा के दो मुंह हैं, विधानसभा के भीतर कुछ कहेंगे और बाहर कुछ कहेंगे और करवाते कुछ और हैं.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने बीते दिनों विधानसभा में विधेयक लाकर कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 76 फीसदी कर दिया है. नए बिल में राज्य में आदिवासी वर्ग को 32 फीसदी, एससी वर्ग को 13 फीसदी, ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी और ईडब्लूएस वर्ग को 4 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है. हालांकि अभी तक राज्यपाल अनुसूईया उइके ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. राज्यपाल का कहना है कि आरक्षण का मामला कोर्ट में गया तो सरकार कैसे 76 फीसदी आरक्षण का बचाव करेगी?