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मध्य प्रदेश के पैरा स्वीमर ने रचा इतिहास, 45 किमी लंबा कैटलीना चैनल तैर कर किया पार

ग्वालियरः मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया ने अमेरिका में 42 किलोमीटर लंबे कैटलीना चैनल को पार करके नया इतिहास रच दिया है. ऐसा करने के बाद सत्येंद्र ऐशिया के पहले ऐसे दिव्यांग तैराक बन गए हैं, जिन्होंने कैटलीना चैनल को पार किया है. सत्येंद्र के इस मिशन में उनके साथ भारत के विभिन्न राज्यों के 5 लोग और भी मौजूद थे जिनमें छत्तीसगढ़ की एक बेटी भी शामिल थी. 

सत्येंद्र ने दोपहर 12 बजे से कैटरीना चैनल में तैराकी शुरू की थी, जो देर रात 1:30 बजे के लगभग खत्म हुई (फोटो साभारः twitter/@satendr91697923)
सत्येंद्र ने दोपहर 12 बजे से कैटरीना चैनल में तैराकी शुरू की थी, जो देर रात 1:30 बजे के लगभग खत्म हुई (फोटो साभारः twitter/@satendr91697923)

ग्वालियरः मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया ने अमेरिका में 42 किलोमीटर लंबे कैटलीना चैनल को पार करके नया इतिहास रच दिया है. ऐसा करने के बाद सत्येंद्र ऐशिया के पहले ऐसे दिव्यांग तैराक बन गए हैं, जिन्होंने कैटलीना चैनल को पार किया है. सत्येंद्र के इस मिशन में उनके साथ भारत के विभिन्न राज्यों के 5 लोग और भी मौजूद थे जिनमें छत्तीसगढ़ की एक बेटी भी शामिल थी. 

सत्येंद्र ने कल दोपहर 12 बजे से कैटरीना चैनल में तैराकी शुरू की थी, जो देर रात 1:30 बजे के लगभग खत्म हुई. इस तरह से लगभग 12 घंटे में उनकी टीम ने इस सफर को पूरा किया. किसी भी व्यक्ति के लिए कैटलीना चैनल में लगातार तैराकी करना बहुत ही मुश्किल का काम होता है, क्योंकि एक तो इसका टेंपरेचर लगभग 12 डिग्री के आस पास होता है इसके साथ ही कैटलीना चैनल में शार्क मछलियां भी पाई जाती हैं, जो कि बेहद खतरनाक होती हैं और उनके चलते हमेशा मन में जान जाने का डर बना रहता है.

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बता दें यह पहली बार नहीं है जब सत्येंद्र ने ऐसा करके दिखाया है, इससे पहले भी सत्येंद्र इंग्लिश चैनल पार कर चुके हैं. इंग्लिश चैनल पार करने की उपलब्धि के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें विक्रम अवार्ड से नवाजा था. सत्येंद्र की इस नई सफलता से उनके परिवार वाले बेहद खुश हैं.

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मिली जानकारी के मुताबिक सत्येंद्र 25 तारीख को ग्वालियर पहुंच रहे हैं, जिसे लेकर उनके परिवार में खुशी का माहौल है और सभी ने उनके स्वागत की तैयारियां शुर कर दी हैं, ताकि वह जोरो-शोरों से उनकी सफलता और साहस के लिए उन्हें बधाई दे सकें. सत्येंद्र के परिवार के साथ ही पूरे ग्वालियर को भी उन पर बेहद गर्व है.

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