ग्वालियर: DRDO की लैब शिफ्टिंग का रास्ता साफ, नहीं तोड़े जाएंगे 200 मीटर दायरे वाले निर्माण
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ग्वालियर: DRDO की लैब शिफ्टिंग का रास्ता साफ, नहीं तोड़े जाएंगे 200 मीटर दायरे वाले निर्माण

केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक डीआरडीओ लैब के 200 मीटर आसपास कोई भवन नहीं होना चाहिए. इसलिए इलाके के 200 मीटर के दायरे में आने वाले सभी वैध-अवैध भवनों को तोड़ा जाना था.  इससे 90 करोड़ की संपत्ति का नुकसान होता. 

सांकेतिक तस्वीर

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की लैब शिफ्टिंग का रास्ता अब साफ हो गया है. इसके लिए राज्य सरकार ने 140 एकड़ जमीन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. लैब शिफ्ट होने से सिटी सेंटर इलाके के लगभग 900 करोड़ की संपत्ति को नुकसान होने से बचाया जा सकेगा.

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दरअसल, केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक डीआरडीओ लैब के 200 मीटर आसपास कोई भवन नहीं होना चाहिए. इसलिए इलाके के 200 मीटर के दायरे में आने वाले सभी वैध-अवैध भवनों को तोड़ा जाना था.  इससे 900 करोड़ की संपत्ति का नुकसान होता. 

केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद स्थानीय प्रशासन ने 2015 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नगर निगम को वैध-अवैध भवनों को तोड़ने का आदेश दिया था. इसके लिए नगर निगम की तरफ से इलाके में मुनादी भी जारी कर दी गई थी.

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हालांकि इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी. मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने  25 अक्टूबर 2019 को निर्माणों के तोड़ने पर रोक लगा दी थी. साथ ही शासन को डीआरडीओ के लिए नई जमीन तलाशने का निर्देश दिया था. 

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