भोपाल एक में 54 वार्ड और भोपाल दो में 31 वार्ड प्रस्तावित हैं. इस संबंध में नौ अक्टूबर को जारी की गई अधिसूचना में स्थानीय निवासियों से सात दिनों के भीतर दावे और आपत्तियां मंगाई गई हैं.
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भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी में अब दो नगर निगम बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए जिला प्रशासन ने अधिसूचना जारी कर दी है और रहिवासियों से दावे और आपत्तियां मांगी गई हैं. इस बंटवारे की प्रक्रिया पर भाजपा ने सख्त एतराज जताया है, वहीं कांग्रेस ने इसे विकास के लिए उठाया गया कदम करार दिया है. जिलाधिकारी तरुण पिथोड़े की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि वर्तमान भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटा जा रहा है. इन दोनों नगर निगमों में कुल 85 वार्डो का बंटवारा किया जाना है. भोपाल एक में 54 वार्ड और भोपाल दो में 31 वार्ड प्रस्तावित हैं. इस संबंध में 9 अक्टूबर को जारी की गई अधिसूचना में स्थानीय निवासियों से सात दिनों के भीतर दावे और आपत्तियां मंगाई गई हैं.
इस बीच, नगर निगम के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगने से पहले ही राजनीतिक दलों -सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा- के बीच शुरू हुई खींचतान तल्खी में बदलती जा रही है. अब अधिसूचना जारी होने के बाद इसके और बढ़ने के आसार हैं. भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार का यह प्रयास संस्कृति और धरोहर को नष्ट करने की कोशिश है. यह एक षड्यंत्र का हिस्सा है.
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पार्टी इसके खिलाफ जनजागरण अभियान चलाएगी, जिसके तहत वार्ड और विधानसभा क्षेत्रों में इसके विरोध में आपत्तियां दर्ज कराई जाएंगी. वहीं कांग्रेस लगातार राजधानी का विस्तार होने का हवाला दे रही है. कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है, "नगर निगम क्षेत्र का लगातार विस्तार होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे. लिहाजा भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटा जाना जरूरी है. इसी के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है."
(इनपुटः IANS)