Lahar vidhan Sabha: लहार विधानसभा सीट चंबल संभाग और भिंड जिले की ऐसी विधानसभा सीट है, जहां 38 साल में हुए 10 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ हार का सामना करना पड़ा है. यह सीट अब कांग्रेस का मजबूत कहलाने लगी है. इस विधानसभा सीट से नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सीनियर नेता गोविंद सिंह 7 बार से विधायक हैं. आइए नजर डालते हैं. लहार सीट के आंकड़ों पर....
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Lahar vidhan Sabha: लहार विधानसभा सीट चंबल संभाग और भिंड जिले की ऐसी विधानसभा सीट है, जहां 38 साल में हुए 10 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ हार का सामना करना पड़ा है. यह सीट अब कांग्रेस का मजबूत कहलाने लगी है. इस विधानसभा सीट से नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सीनियर नेता गोविंद सिंह 7 बार से विधायक हैं. आइए नजर डालते हैं. लहार सीट के आंकड़ों पर....
लहार विधानसभा सीट मध्य प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है. इस सीट पर 1990 से लगातार कांग्रेस के गोविंद सिंह चुनाव जीतते आ रहे हैं. हालांकि, गोविंद सिंह पहला चुनाव जनता दल से लड़ा था. 7 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके गोविंद मध्य प्रदेश कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण चेहरा बन गए हैं और लहार विधानसभा सीट सियासत के लिए हाई प्रोफाइल सीट बन गई है.
कुल वोटर और जातीय समीकरण
चुनाव आयोग के 2018 के आंकड़ों के मुताबिक, लहार विधासभा क्षेत्र में कुल वोटरों की संख्या करीब 2.44 लाख है. इसमें महिला वोटरों की संख्या करीब 1.09 लाख और करीब 1.34 पुरुष मतदाताओं की संख्या है. इस विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ठाकुर, ओबीसी और ब्राह्मण समाज निर्णायक स्थिती में हैं.
नहीं खुला BJP का खाता
साल | विधायक | पार्टी |
2018 | डॉ. गोविंद सिंह | कांग्रेस |
2013 | डॉ. गोविंद सिंह | कांग्रेस |
2008 | डॉ. गोविंद सिंह | कांग्रेस |
2003 | डॉ. गोविंद सिंह | कांग्रेस |
1998 | डॉ. गोविंद सिंह | कांग्रेस |
1993 | डॉ. गोविंद सिंह | कांग्रेस |
1990 | डॉ. गोविंद सिंह | JD |
1985 | मधुरा प्रसाद महंत | BJP |
1980 | रामशंकर चौधरी | INC(I) |
1977 | राम शंकर सिंह | JNP |
आखिरी चुनाव के नतीजे
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह ने भाजपा नेता को 9,073 वोटों से हराया. इस दौरान गोविंद सिंह को 62,113 और रसाल सिंह को 53,040 वोट मिले. इस बार भी गोविंद सिंह को चुनावी मैदान में उतरना तय है. भाजपा ने अब तक लहार से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी भी इस बार नेता प्रतिपक्ष को टक्कर देने के लिए किसी मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है.