मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में बाघ और तेंदुआ की खाल की तस्करी के मामले में STF और वन विभाग ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हैरान करने वाली बात ये कि इन आरोपियों में से एक पूर्व सरपंच और एक शिक्षक है. आखिर ये खाल के साथ ऐसा क्या करने वाले थे...
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MP Crime News/संदीप मिश्रा: डिंडोरी में जबलपुर से आई एसटीएफ (STF) की टीम ने दो अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर संरक्षित वन्य जीव बाघ (TIGER) और तेंदुआ (Leopard) की खाल बरामद करने में सफलता प्राप्त की है. वन्य विभाग और STF की संयुक्त कार्रवाई के दौरान अनूपपुर (Anuppur) और डिंडोरी (Dindori) के 8 आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है. आरोपियों में एक पूर्व सरपंच और जनशिक्षक भी शामिल है.
सूत्रों के मुताबिक STF और वन विभाग को जिले में जंगली जानवरों के शिकार से जुड़े गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी. इसके बाद STF और वन अमले ने पिछले तीन दिनों में मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया. इसके बाद तीन दिनों तक जारी दबिश के दौरान बाघ और तेंदुआ की खाल के साथ 8 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई. इस ऑपरेशन को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था. फिलहाल गिरफ्त में आये खाल तस्करों से पूछताछ जारी है.
गैंग का पता लगाना चाहती है पुलिस
स्थानीय शिकारियों के तार किसी राज्यस्तरीय शातिर और तस्कर गिरोह से जुड़ने की आशंका जाहिर की गई है. सभी आरोपियों को एसटीएफ की टीम देर रात जबलपुर लेकर गई है, ताकि उनसे कुछ और जानकारी हासिल हो सके. इस मामले में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. फिलहाल वन विभाग के अधिकारी इस मामले में कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
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झाड़-फूंक के लिए करते हैं इस्तेमाल
कुछ महीने में पहले छिंदवाड़ा में बाघ की खाल (tiger skins) की तस्करी का मामले में झाड़-फूंक करने वाले ओझा समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों के खुलासा हुआ था कि बाघ की खाल का उपयोग आरोपी तंत्र विद्या के लिए करने वाले थे. बाघ की तस्करी करने वाले ओझा से पूछताछ में शिकारियों के गिरोह का खुलासा हुआ.