Madhya Pradesh News: आयोध्या में 22 जनवरी को राममंदिर का अद्घाटन होने जा रहा है. इस अवसर को यादगार बनाने के लिए आयोध्या में बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. इस दिन लाखों लोग आयोध्या पहुंचने वाले हैं. लाखों राम भक्तों ने अयोध्या जाने की तैयारी कर ली है. ऐसे में कुछ भक्त ऐसे भी हैं, जो 22 जनवरी को अयोध्या जाना चाहते हैं, लेकिन असाहाय होने की वजह से नहीं जा पा रहे हैं.
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Ram Mandir Ayodhya Opening: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. इस अवसर को यादगार बनाने के लिए अयोध्या में बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. इस दिन देश-विदेश के लाखों लोग अयोध्या पहुंचने वाले हैं. लाखों राम भक्तों ने अयोध्या जाने की तैयारी कर ली है. ऐसे में कुछ भक्त ऐसे भी हैं, जो 22 जनवरी को अयोध्या जाना चाहते हैं, लेकिन असहाय होने की वजह से नहीं जा पा रहे हैं.
ऐसे ही राम भक्तों में से एक राजधानी भोपाल के रहने वाले अचल सिंह हैं. अचल सिंह उन कार सेवकों में शामिल हैं, जिन्होंने 1992 में बाबरी ढांचा गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस दौरान ढांचा ढहाते वक्त गुंबद का मलबा अचल सिंह पर गिर गया था, जिसके चलते वे अपाहिज हो गए थे. अब अचल सिंह चलने-फिरने असमर्थ हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अचल सिंह ने 22 जनवरी को उद्घाटन के दिन रामलला के दर्शन करने की इच्छा जताई है.
मलबे में दब गए थे अचल सिंह
अचल सिंह 30 साल से चल नहीं सकते. अचल सिंह की इच्छा है कि उनको भी देश के आराध्य राम लला के दर्शन करने को मिल जाएं. उन्होंने बताया कि वे गुंबद को गिराने के लिए उस पर चढ़ने वाले लोगों में शामिल थे. विवादित ढांचा ढहाने के साथ ही वे नीचे गिर गए थे, जिससे मलबे में दब गए थे. उनको सिर और कमर में गंभीर चोटें आई थीं.
राज्य सरकार से लगाई गुहार
अचल सिंह ने बताया कि ढांचा गिरने वाले हादसे के बाद वे करीब 12 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे. इस दौरान वे बेहोश थे. उन्हें पुलिस हिरासत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब 30 साल बाद वे राम लला के दर्शन करना चाहते हैं. अगर राज्य सरकार उनके अयोध्या आने जाने की व्यवस्था कर दे तो वे भी भगवान राम लला के दर्शन कर सकते हैं.