MP: एक तिहाई मदरसों पर ग‍िरेगी गाज, सर्वे में हुआ था चौंकाने वाला खुलासा
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1342615

MP: एक तिहाई मदरसों पर ग‍िरेगी गाज, सर्वे में हुआ था चौंकाने वाला खुलासा

मध्‍य प्रदेश की धर्मस्‍व मंत्री उषा ठाकुर के इस बयान से बवाल मच गया है क‍ि प्रदेश में चल रहे अवैध मदरसे बंद क‍िए जाएंगे. अब यूपी की राह पर एमपी भी चल पड़ा है. एमपी में तो सर्वे भी हो चुका है ज‍िसमें एक त‍िहाई मदरसे ब‍िना मान्‍यता के बताए जा रहे हैं.  

Demo Photo

नई द‍िल्‍ली: यूपी के बाद अब एमपी में मदरसों पर स‍ियासत शुरू हो गई है. एमपी में मदरसों को एक सर्वे मध्‍य प्रदेश  बाल आयोग ने क‍िया तो उसके सामने चौंकाने वाला मामला आया. मध्‍य प्रदेश में 7 हजार से अध‍िक मदरसे चल रहे थे लेक‍िन उनमें से 2 हजार 200 मदरसों को ही मान्‍यता प्राप्‍त है. ऐसे में एमपी की धर्मस्‍व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा क‍ि अवैध मदरसों को बंद कर द‍िया जाएगा. 

7 हजार में से स‍िर्फ 2200 ही हैं मान्‍यता प्राप्‍त 

दरअसल, मध्य प्रदेश में 7000 से अधिक मदरसे चल रहे हैं जिनमें से मात्र 2200 को ही मान्यता प्राप्त है. ऐसे में सामने आया क‍ि बाकी मदरसे चल कैसे रहे हैं. मदरसा बोर्ड तीन साल के लिए रजिस्ट्रेशन करता है. बिना मान्यता के मदरसों का संचालन वैध नहीं है. स्कूल शिक्षा विभाग भी जांच के बाद इनको सत्यापित करता है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में ये मदरसे संचालित हो रहे हैं. 

मध्‍य प्रदेश बाल आयोग ने क‍िया था सर्वे
बाल आयोग ने शहर के कुछ मदरसों की पड़ताल की जिसमें ऐसे कई मदरसों की हकीकत सामने आई. इस पर मध्य प्रदेश बाल आयोग ने मदरसा बोर्ड को पत्र लिखकर मदरसों के संचालन की जानकारी मांगी है. आयोग को अब मदरसा बोर्ड की रिपोर्ट का इंतजार है. वर्तमान में प्रदेश मे 7000 से अधिक मदरसा रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 1198 को अनुदान दिया जा रहा है. प्रदेश में 2200 मदरसों को ही मान्यता प्राप्त है.

क्‍या मदरसा बोर्ड और शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना चल रहे मदरसों पर लगेगा ताला

प्रदेश की  धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग मंत्री उषा ठाकुर ने इस बात का ऐलान क‍िया है क‍ि दीनी तालीम के नाम पर मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में कागजों पर चल रहे मदरसे अब बंद होंगे. दरअसल, सिर्फ अनुदान हड़पने के लिए संचालित होने वाले ऐसे तमाम मदरसों की जानकारी राज्य के धर्मस्व विभाग तक पहुंची है. ऐसे में विभाग ने ऐसे तमाम मदरसों की जांच के बाद उन्हें बंद करने का निर्णय किया है. 

क्या है मदरसों की मान्यता के नियम

मदरसों का रजिस्ट्रेशन फर्म एवं सोसायटी में रजिस्टर्ड संस्था के नाम पर होता है. इसके बाद संचालक मान्यता के लिए आवेदन करते हैं जिसका जिला शिक्षा कार्यालय से सत्यापन होता है. प्रदेश में मान्यता प्राप्त मदरसों को ही संचालन की अनुमति है. जिला शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के बाद ये अनुमति इन्हें दी जाती है. वर्तमान में अधिकांश मदरसे रजिस्ट्रर्ड तो हैं लेकिन इन्होंने संचालन की मान्यता नहीं ली है.

मदरसों पर चल रही बयानबाजी 
अभी हाल में ही पूर्व मंत्री व सीनियर बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया ने कहा था कि प्रदेश में मदरसों का सर्वे होना चाहिए. मदरसों पर पैनी नजर रखना जरुरी है. मदरसों को लेकर किसी की दादागि‍री नहीं चलेगी. वहीं, बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा था कि मदरसों में देश विरोधी गतिविधियां हुई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. अवैध चल रहे मदरसों को तोड़ा जाना चाहिए.

'शिक्षा के नाम पर हो रहा धर्मांतरण' वीडी शर्मा की मांग मिशनरी संस्थाओं की हो जांच

 

 

Trending news