Bhind News: लहार में बुजुर्ग सम्मान दिवस का आयोजन किया गया, लेकिन इसमें आयोजकों द्वारा बुलाए गए चंबल के सरदार रहे 100 वर्षीय दस्यु पंचम सिंह चौहान का अनादर करने का आरोप उनके बेटे ने नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह पर लगाया है.
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प्रदीप शर्मा/भिंड: लहार नगर में नगर पालिका प्रशासन (Municipal Administration in Lahar Nagar) ने कल बुजुर्ग सम्मान व गौरव दिवस का आयोजन किया. जिसमें आजादी से पूर्व के पूर्व सैकड़ों बुजुर्गों को आमंत्रित किया गया था.इसी क्रम में लहार के वार्ड नंबर 1 निवासी लगभग 100 वर्ष की आयु के पूर्व समर्पित दस्यु पंचम सिंह चौहान को भी आमंत्रण पत्र दिया गया और कुछ नगर पालिका कर्मचारी उनको वाहन से कार्यक्रम स्थल तक भी लेकर पहुंचे.कार्यक्रम में उपस्थित सभी बुजुर्गों के नाम का मंच से बोला गया, माला पहनाई गई, शाल व लहार विधायक गोविंद सिंह (Lahar MLA Govind Singh) की फोटो लगी शील्ड भेंट की गई.
हालांकि, मंच पर उपस्थित पूर्व समर्पित दस्यु पंचम सिंह चौहान (Pancham Singh Chauhan) की जानबुझकर अनदेखी कर अनादर किया गया. पंचम सिंह का मंच से ना ही नाम बोला गया और नहीं उन्हें सम्मानित किया गया और वापस छोड़ने की बोल कर ले जाने वालें लहार विधायक के नुमाइंदों ने उन्हें वापस घर छोडना भी उचित नहीं समझा.
कौन हैं दस्यु पंचम सिंह चौहान?
बता दें कि पंचम सिंह चौहान सन 70 के दशक में चम्बल के बागी सरदार रहें हैं. मुरैना ज़िले के महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा में 1972 में पंचम सिंह चौहान ने अपने 555 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया था.जेल से निकलने के बाद पंचम सिंह ब्रह्म कुमारी संस्था से जुड़ गए और देश-विदेशों में धर्म का प्रचार किया. पंचम सिंह के गौरक्षक पुत्र संतोष चौहान ने लहार विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे प्रतीत होता है कि नगरपालिका प्रशासन और लहार विधायक ने सुनियोजित तरीके से मेरे पिता का सार्वजनिक रूप से अपमान किया है.खुद बुजुर्ग हों चुके लहार विधायक और उनके लोगों एवं नगरपालिका प्रशासन ने अपने अमानवीय व्यवहार और संकीर्ण मानसिकता की सोच को प्रदर्शित किया हैं.
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लहार का गौरव साध्वी प्रज्ञा ठाकुर हैं:संतोष चौहान
पंचम सिंह चौहान के बेटे ने आगे कहा कि मैंने कभी राजनीतिक विरोध नहीं किया, लेकिन इन लोगों में विरोध की भावना रहती है.साथ ही संतोष चौहान ने कहा कि नगरपालिका प्रशासन को एक नेता के चेहरे को हाईलाइट करके राजनीतिक तरीके से गौरव दिवस मनाना, सरासर शासन-प्रशासन के नियमों का खुला उल्लंघन है.दस्यु पुत्र ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाली लहार का गौरव साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Thakur) हैं.नगरपालिका प्रशासन ने उनके नाम का कही जिक्र तक नहीं किया गया.