MP पुलिस का नया नियम, अपराधियों के सोशल मीडिया और इन डॉक्युमेंट्स का रखेगी रिकॉर्ड
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MP पुलिस का नया नियम, अपराधियों के सोशल मीडिया और इन डॉक्युमेंट्स का रखेगी रिकॉर्ड

MP News: मध्य प्रदेश पुलिस ने नए नियम लागू किए हैं. इसके तहत अपराधियों की डिजिटल जानकारी जैसे आधार नंबर और सोशल मीडिया अकाउंट्स रिकॉर्ड में रखी जाएगी. हिस्ट्रीशीट की नियमित समीक्षा पुलिस अधिकारी द्वारा की जाएगी.

 

MP Police will Included Criminals Social Media Account information

MP Police New rules: मध्य प्रदेश पुलिस ने अपराधियों की हिस्ट्रीशीट में अब कुछ नई जानकारी शामिल करने और कुछ नियमों का पालन करने की व्यवस्था लागू की है. इसके तहत अब हिस्ट्रीशीट में अपराधियों के साथ जुड़े व्यक्तियों के बारे में कुछ खास जानकारी जोड़ी जाएगी. जो लोग अपराधी से जुड़े हैं, उनके फोन नंबर, रिश्तेदारों के नाम और उनके साथ के रिश्तों की जानकारी का रिकॉर्ड पुलिस अपने पास रखेगी. एमपी में जातियों के आधार पर अपराधियों की हिस्ट्रीशीट अब से नहीं बनाई जाएगी. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सर्कुलर जारी किया है.

अपराधियों की डिजिटल जानकारी
पुलिस ने नए नियमों के तहत कई जरूरी डॉक्युमेंट के साथ अपराधियों के सोशल मीडिया हैंडल की जानकारी अपने पास रखने की बात कही है. इसके तहत अपराधियों के आधार नंबर, वोटर कार्ड नंबर (EPIC), ई-मेल आईडी, और सोशल मीडिया अकाउंट्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, और एक्स (पूर्व ट्विटर) की जानकारी भी हिस्ट्रीशीट में रखी जाएगी.

जाति आधारित जानकारी पर रोक
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपराधियों के संबंध में सर्कुलर जारी कर नए आदेश लागू किए गए हैं. इस नए फैसले के तहत मध्य प्रदेश में अब अपराधियों की हिस्ट्रीशीट तैयार करते समय इसमें अपराधियों की जाति के आधार पर कोई भी जानकारी नहीं डाली जाएगी. कोर्ट ने कहा कि जाति या समुदाय के आधार पर किसी का हिस्ट्रीशीट में नाम देने से लोगों की सामाजिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. इसके साथ ही उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंच सकती है. इन आदेशों का पालन अगर कोई पुलिस का व्यक्ति नहीं करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

नाबालिग रिश्तेदारों की जानकारी
अगर किसी अपराधी के नाबालिग रिश्तेदार जैसे कि बच्चे या भाई-बहन हैं, तो उनकी जानकारी हिस्ट्रीशीट में तब तक नहीं डाली जाएगी जब तक यह साबित न हो जाए कि वे अपराधी को छुपा रहे थे या उसे शरण दे रहे थे. नाबालिगों की जानकारी का सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया जाएगा, खासकर अगर वे अपराध के सिलसिले में देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चे हैं या कानून का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं.

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हिस्ट्रीशीट की समीक्षा
हिस्ट्रीशीट की हर थोड़े समय में समीक्षा की जाएगी. इस समीक्षा की जिम्मेदारी पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG), अतिरिक्त पुलिस आयुक्त या उच्चतर स्तर के अधिकारी की होगी. इन नियमों को लागू करके मध्य प्रदेश पुलिस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अपराधियों की हिस्ट्रीशीट तैयार करते समय जाति, सामाजिक स्थिति, और नाबालिग रिश्तेदारों की जानकारी को सही तरीके से और संवेदनशीलता के साथ संभाला जाए.

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