मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के एक गांव में नदी उफान पर आई तो शहर तक पहुंचने का रास्ता ही बंद हो गया. ऐसे में जब एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो उसे खाट पर लेकर हॉस्पिटल पहुंचाना पड़ा क्योंकि रास्ते में पानी भरा होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पा रही थी.
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राज किशोर सोनी/रायसेन: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के कई गांव आज भी जरूरी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया सांची विकासखंड के ग्राम शक्ति टोला से जहां पर घोड़ा पछाड़ नदी उफान पर थी. एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हो रही थी मगर नदी का बहाव तेज होने के कारण नहीं निकल पाए तो सुबह कमर-कमर पानी में पलंग पर रखकर ग्रामीणों ने बमुश्किल निकालकर अस्पताल पहुंचाया.
जिंदगी को दांव पर लगाकर करते हैं सफर
हालांकि नदी पर पुल भी है मगर पुल इतना नीचा है कि नदी के जरा से बहाव में पुल पर पानी बहने लगता है जिससे ट्रैफिक रुक जाता है. यहां के लोग हर वर्षा काल के दिनों मे अपनों की जिंदगी बचाने के लिए खुद जिंदगी को दांव पर लगाकर सफर करते हैं.
महिला को खाट पर रखकर नदी के पार लाए
रायसेन जिले के सांची विकासखंड के अम्बाड़ी पंचायत के अंतर्गत आने वाले शक्ति टोला गांव में एक 22 वर्षीय महिला रिबोजा पत्नी आसिफ खान को देर रात से प्रसव पीड़ा हो रही थी मगर गांव के रास्ते में पड़ने वाली घोड़ा पछाड़ नदी पुल के काफी ऊपर से नदी जा रही थी. सुबह जब जलस्तर थोड़ा कम हुआ, तब कहीं जाकर ग्रामीण नदी के पुल के ऊपर से बह रहे कमर कमर पानी से महिला को खाट पर रखकर नदी के पार लाए. फिर घंटों 108 एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा. प्राइवेट वाहन से अस्पताल ले जा रहे थे कि 108 एंबुलेंस रास्ते में मिल गई और फिर 108 से आगे का सफर तय कर महिला को दीवानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया.
नदी पर पुल बनते टाइम ग्रामीणों ने उठाया था ऑब्जेक्शन
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल इसी समस्या से ग्रामीणों को जूझना पड़ता है. नदी पर पुल बनते टाइम ग्रामीणों ने ऑब्जेक्शन उठाया था क्योंकि ठेकेदार द्वारा पुल को ज्यादा ही नीचे बनाया जा रहा था मगर ग्रामीणों की एक नहीं सुनी गई जिसका खामियाजा आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.
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