Ujjain News: सावन में करने हैं महाकाल के दर्शन तो जानें सभी बदलाव, भस्म आरती से लेकर कांवड़ तक की गई नई व्यवस्था
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Ujjain News: सावन में करने हैं महाकाल के दर्शन तो जानें सभी बदलाव, भस्म आरती से लेकर कांवड़ तक की गई नई व्यवस्था

MP News: सावन और भादौ के महीने में बड़ी संख्या में महाकालेश्वर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए मंदि समिति ने कई बदलाव किए हैं. बाबा महाकाल के दर्शन और भस्म आरती के समय में बदलाव किया गया है. साथ ही कांवड़ यात्रियों के लिए भी दर्शन व्यवस्था तय हो गई है.

Ujjain News: सावन में करने हैं महाकाल के दर्शन तो जानें सभी बदलाव, भस्म आरती से लेकर कांवड़ तक की गई नई व्यवस्था

Mahakal Darshan:  अगर आप भी सावन के महीने में उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर हैं. सावन-भादौ के महीने में बड़ी संख्या में धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. सावन के महीने में सुरक्षा, सुविधा और व्यवस्थाओं के देखते हुए श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में प्रवेश नहीं मिलेगा. साथ ही सावन महीने में शनिवार, रविवार और सोमवार को भस्म आरती ऑनलाइन बुकिंग नहीं होगी. इसके अलावा मंदिर दर्शन के समय में भी बदलाव किया गया है.

बदला गया भस्म आरती का समय
सावन के महीने में बाबा महाकाल के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. ऐसे में बाबा महाकालेश्वर की भस्म आरती के समय में बदलाव किया गया है. 22 जुलाई से 2 सितंब तक अल सुबह पट खुलने का समय 3 बजे होगा. वहीं, प्रत्येक सोमवार को अल सुबह 2.30 बजे पट खुलेंगे. रोजाना भस्म आरती अल सुबह 3 से 5 बजे तक होगी और प्रत्येक सोमवार को अल सुबह 2.30 से 4.30 बजे तक होगी. 3 सितंबर से पट खुलने का समय पहले की तरह ही रहेगा.

गर्भ गृह में मिलेगा प्रवेश
सावन के महीने में श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में प्रवेश नहीं मिलेगा. सावन-भादौ मास में प्रचलित व्यवस्था अनुसार अवंतिका द्वार से भस्म आरती में चलित दर्शन की व्यवस्था निर्धारित रहेगी. वहीं, मीडिया प्रतिनिधि, पुजारी, पुरोहित को गेट क्रमांक 4 से प्रवेश मिलेगा.

कांवड़ यात्रियों के लिए दर्शन व्यवस्था
सावन के महीने में महाकालेश्वर मंदिर आने वाले कांवड़ यात्रियों के लिए भी दर्शन व्यवस्था तय कर ली गई है. कांवड़ यात्रियों द्वारा पूर्व सूचना दिए जाने पर शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर गेट नंबर 4 से प्रवेश दिया जाएगा. इस साल कांवड़ यात्री भगवान को जल जलपात्र के माध्यम से अर्पित कर पाएंगे. उन्हें भी गर्भ गृह में प्रवेश नहीं मिलेगा. वहीं, बिना सूचना दिए मंदिर कावंड़ लेकर आने वाले यात्रियों को आम दर्शनार्थियों के साथ प्रवेश मिलेगा. 

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श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था
सावन-भादौ मास में महाकाल के सामान्य दर्शन के लिए श्रद्धालु त्रिवेणी संग्रहालय के पास से और भारत माता मंदिर की ओर से आकर मानसरोवर द्वार से ही प्रवेश कर सकेंगे.

सावन में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी
सावन के महीने में बाबा महाकाल की पहली सवारी सोमवार 22 जुलाई को निकलेगी. इसके बाग दूसरी सवारी सोमवार 29 जुलाई, तीसरी सवारी सोमवार 5 अगस्त, चौथी सवारी सोमवार 12 अगस्त, पांचवी सवारी सोमवार 19 अगस्त को निकाली जाएगी.

भादौ माम में बाबा महाकाल की सवारी
भादौ मास में बाबा महाकाल की 6वीं सवारी सोमवार 26 अगस्त और शाही सवारी सोमवार 2 सितंबर को निकाली जाएगी.

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जानें कैसा रहेगा महाकाल सवारी का रूट
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप से शुरू होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी. यहां सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर में वापस आएगी. शाही सवारी 2 सितंबर को उपरोक्त मार्ग के अलावा टंकी चौराहा से मिर्जा नईमबेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कण्ठाल, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी.

इनपुट- उज्जैन से राहुल राठौर की रिपोर्ट, ZEE मीडिया 

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