मध्य प्रदेश के तीन जिलों को राज्य बांस मिशन के लिए चयनित किया गया है. इसके तहत सरकार बांस की खेती के लिए अनुदान देगी. वहीं अब नर्मदापुरम और हरदा के किसानों को 25 मार्च से सिंचाई के लिए पानी मिलने लगेगा.
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भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में बांस उपज को बढ़ाना देने के लिए बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत चयनित जिलों में बांस की खेती के लिए किसानों को प्रत्साहित किया जाएगा. साथ ही उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर काम किया जाएगा. इसके अलावा जल-संसाधन मंत्री सिलावट ने हरदा और नर्मदापुरम जिसे में ग्रीष्म कालीन खेती के लिए 25 मार्च से तवा डेम से किसानों को पानी देने के निर्देश दिए हैं.
25 मार्च से डैम से मिलेगा पानी
जल-संसाधन मंत्री सिलावट ने हरदा और नर्मदापुरम जिले के किसानों के लिए ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल के लिए 25 मार्च से तवा डैम से नहरों में पानी छोड़ने के निर्देश अधिकारियों को दिए. किसानों को नहरों से दो बार में पानी सिंचाई के लिए दिया जाएगा. मंत्री के इस निर्देश के बाद किसानों ने राहत की सांस ली है.
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बांस क्षेत्र विकास के लिए तीन जिलों का चयन
बांस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वन क्षेत्रों में पौध-रोपण क्षेत्र की फेंसिंग के लिए अब सीमेंट पोल की जगह पर बांस के पोल लगाने का फैसला लिया है. सरकार का बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए 5 साल को रोडमैप तायार किया है. प्रदेश में बांस क्षेत्र के समग्र विकास के लिए राज्य बांस मिशन में हरदा, देवास और रीवा जिले का चयन किया गया है.
5 साल का मेगा प्लान तैयार
इन जिलों में आगामी 5 सालों तक बांस की फसल लगाने का काम किया जाएगा. 'एक जिला-एक उत्पाद' योजना के तहत इन जिलों का चयन किया गया है. तीनों जिलों में बांस-रोपण के साथ साढ़े तीन हजार किसान और बांस शिल्पियों को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा.
किसानों को मिलेगा अनुदान
तीनों जिलों में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार 6214 हेक्टेयर अनुपाजाऊ निजी भूमि पर 5 साल में बांस-रोपण के लिये अनुदान देगी. इससे किसानों के आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. बांस उत्पादों को बेहतर कीमत उपलब्ध कराने के लिए बांस बाजार और एम्पोरियम की मदद भी ली जाएगी. इसके लिए प्रशासन किसानों का पूरा सहयोग करेगा.
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