पंचायत में भ्रष्टाचार और जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते तानसिंह को मिलने वाला आवास कागज़ों पर तैयार हो गया. यहीँ नही उन्हें मिलने वाली राशि भी किसी और के खाते में डालकर निकाल ली गई हैं
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झाबुआ: बीते शनिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पीएम ने मध्य प्रदेश में पौने दो लाख घरों का गृह प्रवेश कराया था. पीएम ने कहा था जिनकों आज अपना पक्का घर मिला है, उन्हें अपने सपनों का घर मिला है. पीएम मोदी ने इस दौरान गृह प्रवेश वाले हितग्राहियों को बधाई भी दी थी. लेकिन अब इस योजना के नाम पर झाबुआ जिले में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. यहां पर हितग्राही का मकान कागजों तो तैयार हो गया, लेकिन वास्तविकता कुछ अलग है. साथ ही हितग्राही के नाम पर आवंटित राशि को अधिकारी और ठेकेदार मिलकर गबन कर गए.
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दरअसल, झाबुआ थांदला जनपद पंचायत के ग्राम कुशलपुरा के रहने वाले दंपत्ति तानसिंह और उनकी पत्नी काली बाई के पास अपने गरीब होने और प्रधानमंत्री आवास की पात्रता होने के प्रमाण हैं, लेकिन पंचायत में भ्रष्टाचार और जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते तानसिंह को मिलने वाला आवास कागजों पर तैयार हो गया. यहीं नही उन्हें मिलने वाली राशि भी किसी और के खाते में डालकर निकाल ली गई हैं और योजना के नाम पर तानसिंह के हिस्से कुछ आया तो वह हैं सिर्फ आश्वासन.
अशिक्षा का उठाया फायदा
बता दें कि तानसिंह की निरक्षरता और अज्ञानता का फायदा उठाकर ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने उसे पक्की छत से वंचित कर दिया, लेकिन तानसिंह के शिक्षित बेटे ने जब मामले की पड़ताल की तो पूरे मामले का फर्जीवाड़ा सामने आ गया.
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जांच की बात करते पंचायत सचिव
कागज पर तैयार मकान और पात्र हितग्राही को योजना का लाभ न मिलने के मामले में पंचायत स्तर के सचिव गलती स्वीकार कर जांच की बात तो कर रहे हैं, लेकिन आला अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नही है.
कड़ी कार्रवाई का दावा
मध्यप्रदेश के 1 लाख 75 हजार हितग्राहियों के गृह प्रवेश के एक सप्ताह के भीतर ही जिले में प्रधानमंत्री आवास के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आ गया है. इस मामले को लेकर सांसद गुमानसिंह डामोर ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने का दावा किया है.
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