मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम नेशनल रिलीफ फंड से 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है.
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सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले (Sidhi Bus Accident) में यात्रियों से भरी बस के बाणसागर नहर में गिरने से अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हादसे में अब तक 7 लोगों सुरक्षित बचे हैं. बुधवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान नहर से दो और शव बरामद किए गए. बस में कुल 60 के करीब यात्री सवार थे. गोताखोरों की मदद से लापता यात्रियों की खोज की जा रही है. एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) और एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) की टीमें रेस्क्यू एंड सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं.
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इस भीषण बस दुर्घटना पर देश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने शोक व्यक्त किया है. मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम नेशनल रिलीफ फंड से 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है.
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बस नंबर MP19P 1882 जबलानाथ परिहार ट्रेवल्स की थी. यह सीधी से सतना जा रही थी. बस का मालिक कमलेश्वर सिंह नाम का शख्स बताया जा रहा है, जो हादसे के बाद से ही फरार है. इस 32 सीटर बस में 60 के करीब यात्रियों को भरा गया था. बस अपने तय समय से पहले रवाना हुई. जाम से बचने के लिए ड्राइवर ने निर्धारित रूट बदल लिया और नहर के किनारे से गुजरने वाले 7 किलोमीटर लंबे रास्ते पर बस मोड़ ली.
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दरअसल, 16 फरवरी को रेलवे, एनटीपीसी और नर्सिंग का एग्जाम था. सतना और रीवा में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. इसके अलावा नर्सिंग की छात्राओं का भी एग्जाम सतना में था. ऐसे में बस में अधिकतर छात्र शामिल थे. बताया जा रहा है कि परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचने के लिए छात्रों के कहने पर ड्राइवर ने बस का रूट बदल लिया, ताकि छात्र समय से परीक्षा में शामिल हो सकें. लेकिन रूट बदलना ही इस हादसे की वजह बना.
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पुलिस बता रही है कि सीधी से निकलते के बाद छुहिया घाटी से होते हुए बस को सतना तक जाना था. झांसी-रांची स्टेट हाईवे की सड़क खराब और अधूरी है, इस कारण यहां आए दिन जाम लग जाता है. ड्राइवर ने इसी कारण रास्ता बदल लिया था. चूंकि बाणसागर नहर काफी गहरी है, बस इसमें गिरने के बाद पूरी तरह पानी में डूब गई. बस ड्राइवर बालेंद विश्वकर्मा ने तैरकर अपनी जान बचा ली. उसके अलावा 6 अन्य यात्रियों ने तैरकर अपनी जान बचा ली, लेकिन ज्यादातर यात्रियों की डूबने से मौत हो गई.
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