MP: डिसइंफेक्शन टनल सचमुच कोरोना संक्रमण से बचाती है? कहीं पछताना न पड़ जाए...
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MP: डिसइंफेक्शन टनल सचमुच कोरोना संक्रमण से बचाती है? कहीं पछताना न पड़ जाए...

तमिलनाडु के पब्लिक हेल्थ एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन के निदेशक की ओर से टनल के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की गई है. टनल से गुजरने पर कोरोना वायरस खत्म नहीं होता, यह सिर्फ एक दिलासा है.

फाइल फोटो

हरीश दिवेकर/भोपाल: कोरोना संक्रमण से बचने के लिए महज ये मान लेना कि डिसइंफेक्शन टनल से गुजरने के बाद आप पूरी तरह सैनिटाइज हो चुके हैं और सुरक्षित हैं, तो जानकारों की मानें तो ऐसा सोचना गलत होगा. दरअसल, तमिलनाडु के जन स्वास्थ्य विभाग ने WHO की गाइड लाइन का हवाला देते हुए कहा है कि डिसइंफेक्शन टनल के इस्तेमाल से भी कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण से डिसइंफेक्शन टनल बचा सकती है ये दावा झूठा है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश के कई शहरों में डिसइंफेक्शन टनल लगाई गई हैं. मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री आवास समेत कई कार्यालयों, मंडियों और अलग-अलग स्थानों पर टनल इंस्टॉल किए गए हैं. लेकिन, तमिलनाडु सरकार की चेतावनी ने टनल की उपयोगिता पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं.

तमिलनाडु के पब्लिक हेल्थ एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन के निदेशक की ओर से टनल के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की गई है. टनल से गुजरने पर कोरोना वायरस खत्म नहीं होता, यह सिर्फ एक दिलासा है. इससे गुजरने के बाद लोगों को लगता है कि वे कोरोना वायरस से सुरक्षित हैं और वे हर घंटे साबुन से हाथ न धोने जैसी लापरवाही शुरू कर देते हैं. इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है. उन्होंने एक पत्र के जरिए डिसइंफेक्शन टनल को लेकर स्वास्थ्य विभाग के सभी वरिष्ठ अफसरों, उप निदेशकों, चिकित्सा शिक्षा विभाग और मेडिकल कॉलेज आदि संबंधित विभाग-संस्थानों को चेताया है.

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न करें डिसइंफेक्शन टनल का इस्तेमाल
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने इन डिसइंफेक्शन टनल का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है. उन्होंने पत्र में कहा है कि डिसइंफेक्शन टनल से लोगों को झूठी दिलासा मिलेगी कि वो वायरस से पूरी तरह सुरक्षित हैं. ऐसे में हो सकता है कि वे इसके बाद हाथ धोने जैसी बेसिक चीजों को भी नजरअंदाज कर दें. इतना ही नहीं उनकी माने तो एल्कोहल/क्लोरीन/लाइजॉल जैसी चीजों का इंसानों पर छिड़काव नुकसान दायक है. इससे कोई बचाव नहीं होता. ऐसे में डिसइंफेक्शन टनल नहीं लगाई जानी चाहिए.

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डिसइंफेक्शन टनल बनाने वालीं कंपनियों का दावा
टनल बनाने वाली कंपनियों का दावा है कि इसमें से गुजरने वाले इंसान पर दवा (सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन) का छिड़काव किया जाता है. इससे शरीर, कपड़ों और बालों में जो वायरस होते हैं, वे काफी हद तक खत्म हो जाते हैं.

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