जिसे हम भूले, अब उसे दुनिया अपना रही! कोरोना में फेमस हुई Cow Hug थेरेपी, एक घंटे के देने होते हैं 16 हजार रुपए
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जिसे हम भूले, अब उसे दुनिया अपना रही! कोरोना में फेमस हुई Cow Hug थेरेपी, एक घंटे के देने होते हैं 16 हजार रुपए

गायों को गले लगाने या उनके साथ समय बिताने का चलन सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि नीदरलैंड में भी बढ़ रहा है.

जिसे हम भूले, अब उसे दुनिया अपना रही! कोरोना में फेमस हुई Cow Hug थेरेपी, एक घंटे के देने होते हैं 16 हजार रुपए

नई दिल्लीः कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों के जीवन में काफी नकारात्मकता आ गई है. ऐसे में लोग इससे बचने के लिए ऐसे ऐसे उपाय अपना रहे हैं, जो आपको हैरान कर सकते हैं. दरअसल दुनिया के कई देशों में नकारात्मकता से बचने के लिए गाय को गले लगाने का प्रचलन बढ़ रहा है. इसे Cow Hug थेरेपी नाम दिया जा रहा है.

एक घंटे के 16 हजार खर्च कर रहे लोग
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में तो लोग इस गाय थेरेपी को इतना पसंद कर रहे हैं कि इसके लिए एक घंटे के करीब 200 डॉलर यानी कि भारतीय मुद्रा में बात करें तो 16 हजार रुपए खर्च कर रहे हैं. फोर्ब्स, बीबीसी जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस भी गाय को गले लगाने की थेरेपी की चर्चा कर चुके हैं और इस पर अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं. 

कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने किया ट्वीट
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मिलिंद देवड़ा ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने सीएनबीसी की रिपोर्ट का एक वीडियो लगाया है, जिसमें लोग खासकर महिलाएं गायों को गले लगाते दिखाई दे रही हैं. लोगों का कहना है कि इससे उनका तनाव दूर होता है. 

नीदरलैंड में भी बढ़ रहा चलन
बता दें कि गायों को गले लगाने या उनके साथ समय बिताने का चलन सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि नीदरलैंड में भी बढ़ रहा है. कोरोना काल में इसमें खासा इजाफा हुआ है. स्विटजरलैंड में भी ये चलन बढ़ रहा है. 

मिलते हैं ये फायदे
साल 2007 में अप्लाईड एनिमल बिहेवियर साइंस नामक जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, गाय को गले लगाने से लोगों में सकारात्मकता का संचार होता है और उनका तनाव भी कम होता है. साथ ही इंसानी शरीर में ऑक्सीटॉसिन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है, जो हमारा मूड बेहतर करता है. बता दें कि इंसान जब अपने परिजनों, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलता है तब उसके शरीर में ऑक्सीटॉसिन का स्त्राव होता है. इससे इंसानों का ब्लड प्रेशर भी नॉर्मल होता है.  

बता दें कि पश्चिमी देश अब गाय की अहमियत को स्वीकार कर रहे हैं लेकिन हमारी संस्कृति में हजारों साल से गाय की अहमियत रही है. कहा जाता है कि घर में अगर गाय है तो उससे कई तरह की बीमारियां नहीं होंगी. हालांकि इन बातों को हमेशा पिछड़ेपन और अज्ञानता से जोड़कर देखा गया. लेकिन अब पश्चिम के देशों में Cow Hug थेरेपी की शुरुआत बता रही है कि इसका सचमुच असर होता है और हमारे पुरखे जो सदियों पहले कह गए थे वो सही है. 

  

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