भोपाल से लेकर बांग्लादेश तक ट्रैक्टर सप्लाई का मामला हो या फिर जबलपुर के डुंडी स्टेशन से आयरन भरकर विशाखापट्टनम के पोर्ट तक ले जाना. पश्चिम मध्य रेल ने कई ऐतिहासिक काम माल ढुलाई के मामले में किए हैं.
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कर्ण मिश्रा/जबलपुर: लॉकडाउन के दूसरे चरण में जब सभी की रफ्तार थम गई तो रेलवे की गति इस कदर रफ्तार पकड़ी कि दो ही महीनों में 650 करोड़ रुपए की कमाई कर डाली. सुनने में अजीब जरूर लगेगा लेकिन यह कीर्तिमान पश्चिम मध्य रेल ज़ोन की बिजनेस यूनिट ने कर दिखाया है. अप्रैल और मई महीने में ही 6 अरब से ज्यादा की कमाई कर रेलवे ने हर किसी को चौंका दिया है.
कैसे रेलवे दो महीनों में अरबपति हुआ
जब रेलवे की अधिकांश ट्रेनें बंद हो गई तो आखिर कैसे रेलवे सिर्फ दो ही महीनों में अरबपति हो गया यह बात वाकई चौंकाने वाली है..तो आपको बता दें कि रेलवे ने अरबों की ये कमाई यात्री परिवहन सुविधा से नहीं बल्कि बिजनेस सेक्शन द्वारा संचालित किए जा रहे माल परिवहन से की है. पश्चिम मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार ने बताया कि
अप्रैल 2021 में पश्चिम मध्य रेलवे ने 3.79 मीट्रिक टन की ढुलाई की. जबकि मई महीने में यही आंकड़ा बढ़कर 3.84 मीट्रिक टन था
कुल मिलाकर 2 महीनों में 7.63 मीट्रिक टन माल की ढुलाई की गई. जो पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है. पश्चिम मध्य रेल को इन 2 महीनों में 650 करोड़ से ज्यादा की कमाई हुई. जबकि पिछले साल कमाई का यही आंकड़ा 360 करोड़ था.
कई ऐतिहासिक काम किए
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार ने बताया कि रेलवे ने माल की ढुलाई में कई कीमती मिनिरल्स से लेकर ट्रैक्टर तक शामिल है. भोपाल से लेकर बांग्लादेश तक ट्रैक्टर सप्लाई का मामला हो या फिर जबलपुर के डुंडी स्टेशन से आयरन भरकर विशाखापट्टनम के पोर्ट तक ले जाना. पश्चिम मध्य रेल ने कई ऐतिहासिक काम माल ढुलाई के मामले में किए हैं.
मालवाहक ट्रेनों की स्पीड अब दोगुनी
रेलवे की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने अपनी स्थापना के साथ ही नित नए कीर्तिमान रचे हैं. यही वजह है कि लगातार रेलवे बिना यात्री परिवहन के भी कमाई के मामले में काफी आगे जा रहा है. एक और खास बात यह है कि रेलवे की मालवाहक ट्रेनों की स्पीड अब दोगुनी हो गई है जिस वजह से मैन्युफैक्चरर समेत सप्लायर और अन्य लोग अब रेलवे परिवहन को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं.
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