कोविड की वजह से बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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उज्जैनः सावन (Sawan) का महीना शुरू होते ही कावड़ यात्रा (kavad yatra) का दौर भी शुरू हो जाता है. कांवड़िये भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने पहुंचते हैं. कोरोना (corona) की वजह से पिछले दो साल से कावड़ यात्रा स्थगित हो रही है. इस बार भी बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की नगरी उज्जैन (ujjain) में कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिले की राजस्व सीमा में कावड़ा यात्रा पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.
दरअसल, सावन के महीने में उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी हो जाती है. लेकिन महामारी का दौर है, ऐसे में भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने जिले की राजस्व सीमा में धारा 144 के तहत कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. जबकि सावन माह में उज्जैन में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारियों का मार्ग भी तय कर दिया है. जब बाबा महाकाल की सवारी निकलेगी तब भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा. जिला प्रशासन का कहना है कि सावन के महीने में महाकाल मंदिर की अलग दर्शन व्यवस्था बनाई जाएगी. जबकि सभी को दर्शन के लिए पहले से प्री बुकिंग करानी होगी.
बाबा के जलाभिषेक पर भी रहेगी रोक
बाबा महाकाल के जलाभिषेक करने पर रोक रहेगी. पिछले साल की बात करे तो मंदिर प्रशासन ने कावड़ यात्रियों व आम जन द्वारा लाये गए जल को एक पात्र में एकत्र किया था और पात्र के भर जाने पर उसमें से प्रतीकात्मक रूप से दो घड़े जल भरकर भगवान को अर्पित किया था. लेकिन कावड़ियों और आम लोगों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया था. हालांकि इस बार जल की क्या व्यवस्था रहेगी इस पर अभी विचार किया जाना बाकि है. लेकिन कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है.
ऐसी रहेगी मंदिर में बाबा के दर्शन की व्यवस्था
बता दें कि फिलहाल महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था सुबह 6 से रात 8 बजे तक 7 स्लॉट में प्री बुकिंग के साथ ही रहेगी. जिसमें वेक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना जरुरी हैं या 48 घंटे के अंदर की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. तभी मंदिर में दर्शन मिलेगा. अगर कोई व्यक्ति मंदिर में दर्शन करने के लिए प्री बुकिंग नहीं करा पाता है तो उसके लिए एंट्री द्वार पर ही 251 रुपए की रसीद कटवानी होगी. जबकि मंदिर में आगामी आदेश तक भस्म आरती, संध्या व शयन आरती में आम लोगों का प्रवेश अभी भी प्रतिबंधित है.
बाबा की सवारियों का रूट रहेगा छोटा
दरअसल, सावन माह हिंदुओं का सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस बार सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू हो रहा है जो 22 अगस्त तक चलेगा. सावन के महीने में इस बार कुल 4 सोमवार पड़ेंगे. पूरे सावन माह में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है. महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रावण माह का अपना अलग महत्व होता है. क्योंकि बाबा महाकाल हर सोमवार को नगर भ्रमण पर निकलते हैं. लेकिन कोविड की वजह से बाबा महाकाल की निकलने वाली सवारियों का रूट पिछले साल की तरह छोटा रखा जाएगा. सवारी में किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए.
इस वर्ष कुल सात सवारी निकलेगी
सावन माह 22 अगस्त को खत्म होगा
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