सुरक्षा में सेंध: जहां रखे थे सारंग और धनुष जैसी तोपों के बम, उसकी बारूद निकाल कबाड़ियों ने कर ली चोरी!
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सुरक्षा में सेंध: जहां रखे थे सारंग और धनुष जैसी तोपों के बम, उसकी बारूद निकाल कबाड़ियों ने कर ली चोरी!

सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले सेना के लॉन्ग प्रूफ रेंज यानी एलपीआर से 3 टैंक भेदी बमों के उपकरण चोरी होने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. 

सांकेतिक तस्वीर

कर्ण दिलीप मिश्रा/जबलपुर: सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले सेना के लॉन्ग प्रूफ रेंज यानी एलपीआर से 3 टैंक भेदी बमों के उपकरण चोरी होने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मामले की जांच कर रहें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय अग्रवाल ने बताया है कि एलपीआर के लैब में रखे इन तीनों बमों के उपकरणों को चोरी करने के पीछे कबाड़ियों के एक गिरोह का हाथ हैं. जिसमे से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. 

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बता दें कि यहां से चोर, धुनष तोप के तीन गोले चोरी करके ले गए थे. चोरी करने वाले शख्स ने 3 टैंक भेदी बमों के उपकरणों से टंगस्टन पेनिट्रेटर नाम का उपकरण निकाल लिया था. खास बात यह है कि चोर ने बारूद को बम से बाहर निकालकर टंगस्टन पेनिट्रेटर को निकाला जो कि किसी जानकार व्यक्ति का ही काम हो सकता है.

घटना से खड़े हो रहे सवाल
इस चोरी की घटना से हैरत की बात यह समझ आती है कि जिस एलपीआर रेंज में सेना का कड़ा पहरा रहता हैं, वहां से बमों के उपकरणों का चोरी करके चला जाना और किसी को इसकी भनक न लगना कई सवालों को खड़े कर रहा था. जानकारी के मुताबिक इस मामले में सेना द्वारा इंटरनल इंक्वायरी भी शुरू की गई थी. जिसमें तमाम लोग जांच के घेरे में है. यह वहीं एलपीआर रेंज है, जहां देश की सबसे ताकतवर तोप सारंग और धनुष की टेस्टिंग की जाती है. 125एमएम बैरल से लेकर 155एमएम बैरल तक कि उच्च तकनीकी तोपों का परीक्षण यहीं पर होता है. 

19 फरवरी को हुई थी चोरी
दरअसल, जबलपुर में बना लॉन्ग प्रूफ रेंज (एलपीआर) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है. जहां रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों की परमिशन के बिना कोई अंदर नहीं जा सकता. क्योंकि यहां पर सेना के गोला-बारूद का परीक्षण किया जाता है. इसी जगह पर धनुष तोप के गोले रखे थे. लेकिन 19 फरवरी की रात चोर यहां पहुंचे और तोप के तीने गोले चुराकर भाग निकले. जिसकी जानकारी सुबह अधिकारियों को लगी थी.

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और गिरफ्तारियां हो सकती है
बहरहाल एलपीआर प्रबंधन इस पर कुछ भी बोलने से बच रहा हैं. मामले की जॉंच कर रहे एएसपी संजय अग्रवाल ने बताया कि कबाड़ियों का गिरोह कीमती धातू बेचकर उससे पैसे कमाया करता है. यहां भी वह इसी तलाश में आएं हो, फिलहाल मामले की जांच जारी है और गिरफ्तारियां हो सकती है.

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