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मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा, ‘चुनाव के दिनों में भाजपा सामना अखबार का प्रकाशन स्थगित किए जाने के पक्ष में नहीं है’ लेकिन पार्टी को उसमें प्रकाशित कुछ सामग्री पर आपत्ति है।
भाजपा की एक पदाधिकारी द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के प्रकाशन पर तीन दिन की रोक की मांग के बाद, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस स्थिति की तुलना ‘आपातकाल’ से की थी।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता श्वेता शालिनी ने राज्य निर्वाचन आयोग को लिखे खत में कहा कि ‘चुनाव की तारीख से दो दिन पहले सामग्री का प्रकाशन या प्रचार अभियान चलाना (पार्टी या उम्मीदवार का)’ प्रतिबंधित है, इसलिए 16,20 और 21 फरवरी को ‘सामना’ के प्रकाशन पर प्रतिबंध होना चाहिए।
इस मुद्दे पर अपनी राय पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ‘16 फरवरी को हुए पहले चरण के मतदान (जिला परिषद चुनाव) के दौरान ‘सामना’ अखबार में एक आपत्तिजनक सामग्री छपी थी। हमें ऐसी सामग्री के प्रकाशन पर आपत्ति है क्योंकि इससे (आदर्श) आचार संहिता का उल्लंघन होता है। और हमारी राज्य निर्वाचन आयोग से मांग है कि वो सामना को मतदान के दिन ऐसी सामग्री के प्रकाशन की इजाजत न दे।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा चुनाव के दिनों के दौरान सामना अखबार का प्रकाशन स्थगित किए जाने के पक्ष में नहीं है।’