महबूबा की कश्मीरी पंडितों से घाटी में लौटने की अपील; PM मोदी से गुजारिश, पाकिस्तान संग शुरू हो बातचीत
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महबूबा की कश्मीरी पंडितों से घाटी में लौटने की अपील; PM मोदी से गुजारिश, पाकिस्तान संग शुरू हो बातचीत

चरमपंथी इस्लामिक और आतंकवादियों की धमकी की वजह से 1990 के दशक में बड़ी संख्या में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो गया था.

कश्मीरी पंडितों के एक समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम महबूबा मुफ्ती. (IANS/31 March, 2018)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार (31 मार्च) को कश्मीरी पंडितों से अपील की कि वे घाटी में आएं. दिल्ली में कश्मीरी पंडितों से एक बातचीत सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, कश्मीरी पंडितों को कश्मीर आना चाहिए, उनकी वर्तमान/युवा पीढ़ी को यह देखना चाहिए की वास्तव में उनकी जड़े कहां हैं. हम सारे इंतजाम करेंगे. बीते समय में जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन अब हमें आगे बढ़ना होगा.' चरमपंथी इस्लामिक और आतंकवादियों की धमकी की वजह से 1990 के दशक में बड़ी संख्या में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो गया था.

  1. महबूबा ने कश्मीरी पंडितों से अपील की कि वे घाटी में आएं.
  2. पाकिस्तान मुद्दे पर महबूबा ने कहा कि युद्ध कभी विकल्प नहीं है.
  3. महबूबा ने कहा कि ‘शांति की कुंजी’ पड़ोसी देश के पास है.

महबूबा की प्रधानमंत्री से गुजारिश, पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू हो
वहीं दूसरी ओर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया कि पाकिस्तान के साथ यथाशीघ्र बातचीत की प्रक्रिया शुरू की जाये क्योंकि ‘शांति की कुंजी’ पड़ोसी देश के पास है. कश्मीरी पंडितों के एक समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए महबूबा ने कहा कि युद्ध कभी विकल्प नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सुलह ही वह मंत्र है जिसे हमें अनुसरण करने की जरूरत है और इसलिए मैं मोदीजी से गुजारिश करती हूं कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत करें.’’ उन्होंने कहा कि हमें पड़ोसी मुल्क से यह भरोसा लेने की जरूरत है कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं करेंगे. आखिरकार हम सभी यह जानते हैं शांति बहाल करना पाकिस्तान के हाथ में है.

पाकिस्तान से बातचीत शुरू करने के अनुरोध वाला महबूबा का प्रस्ताव नहीं मिला: केंद्र सरकार 
इससे पहले केंद्र सरकार ने बीते 28 मार्च को स्पष्ट किया था कि जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है जिसमें राज्य में शांति बहाली की खातिर पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरु करने का अनुरोध किया गया हो. गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने 28 मार्च को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि सरकार का पाकिस्तान के साथ पड़ोसी देश की तरह मित्रवत रिश्ता कायम रखने की मंशा स्पष्ट और जगजाहिर है. इसके लिये भारत सभी द्विपक्षीय मुद्दों को शिमला समझौता और लाहौर घोषणा के तहत शांतिपूर्वक समाधान निकालने के लिये प्रतिबद्ध है.

अकाली दल के सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा ने पूछा था कि क्या महबूबा ने जम्मू कश्मीर में शांति बहाली के लिये केन्द्र सरकार से पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरु करने का अनुरोध किया था. इसके जवाब में अहीर ने कहा ‘‘ राज्य सरकार की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की सार्थक बातचीत तभी हो सकती है जब कि आतंक और हिंसा का माहौल दूर हो और इस तरह का माहौल पैदा करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है. 

(इनपुट एजेंसी से भी)

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