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नई दिल्ली: अब प्रेग्नेंट महिलाएं भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवा सकेंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) की सिफारिशों को मंजूर करते हुए ये ऐलान किया है. इसके साथ ही मंत्रालय ने टीके के महत्व और उससे जुड़ी सावधानियों के बारे में सलाह देने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स और वैक्सीन लगाने वालों के लिए एक फैक्ट शीट भी तैयार की है, ताकि महिलाएं पूरी जानकारी हासिल होने के बाद टीकाकरण करा सकें.
इसमें बताया गया है कि 90% से अधिक संक्रमित प्रेग्नेंट महिलाएं घर पर ही ठीक हो जाती हैं, और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती. लेकिन कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है, और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि प्रेग्नेंट महिला को कोविड-19 टीका लगवाना चाहिए. इससे गर्भावस्था के कारण कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है.
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ऐसा प्रतीत होता है कि जिन प्रेग्नेंट महिलाओं में संक्रमण के लक्षण होते हैं, उनके गंभीर रूप बीमार होने और उनकी मौत होने का खतरा अधिक होता है. गंभीर रूप से बीमार होने पर अन्य सभी मरीजों की तरह प्रेग्नेंट महिलाओं को भी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी. वहीं मोटापे और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही हैं और 35 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं के गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है. फ्रंटलाइन वर्कर्स या टीकाकरण करने वाले कर्मियों को गर्भवती महिलाओं को टीकों की उपलब्धता, उसकी महत्ता और सावधानियों के बारे में सलाह देने की आवश्यकता है.
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इसमें आगे कहा गया है कि, ‘यह पत्र आपको प्रेग्नेंट महिलाओं को जागरूक करने और उनकी मदद करने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करता है ताकि ये महिलाएं पूरी जानकारी हासिल करके टीकाकरण के संबंध में फैसला कर सकें.’ इस फैक्ट शीट को प्रश्न-उत्तर के रूप में तैयार किया गया है, ताकि फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके परिवारों को प्रेग्नेंट महिलाओं के टीकाकरण से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों के बारे में बताना आसान हो सके. इसमें से भी कहा गया है कि संक्रमित पाई गई 95 प्रतिशत मां के नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य जन्म के समय बिल्कुल सही था हालांकि कुछ मामलों में, गर्भावस्था में संक्रमण के कारण समय से पहले प्रसव की आशंका बढ़ सकती है, शिशु का वजन 2.5 किलोग्राम से कम हो सकता है और दुर्लभ स्थितियों में, जन्म से पहले बच्चे की मौत हो सकती है.
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दस्तावेज में कहा गया है कि उपलब्ध कोविड-19 टीके सुरक्षित हैं और टीकाकरण प्रेग्नेंट महिलाओं को अन्य व्यक्तियों की तरह संक्रमण से बचाता है. किसी भी अन्य दवा की तरह, इस टीके के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो सामान्य रूप से मामूली होते हैं. इसमें कहा गया है कि टीका लगवाने के बाद गर्भवती महिला को हल्का बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या एक से तीन दिनों तक अस्वस्थता महसूस हो सकती है. ‘बहुत कम (एक से पांच लाख व्यक्तियों में से किसी एक गर्भवती महिला को) गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के 20 दिनों के भीतर कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता हो सकती है.’
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