हरियाणा के सोनीपत में करगिल शहीद की पत्नी को इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले जाया गया था जहां अस्पताल प्रशासन ने ओरिजनल आधार कार्ड नहीं होने पर भर्ती करने से मना कर दिया, इलाज में देरी होने के चलते महिला की मौत हो गई थी.
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नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सोनीपत में करगिल शहीद की विधवा के इलाज में अस्पताल की लापरवाही के मामले में जांच कराने की बता कही है. हरियाणा के सोनीपत में करगिल शहीद की पत्नी को इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले जाया गया था जहां अस्पताल प्रशासन ने ओरिजनल आधार कार्ड नहीं होने पर भर्ती करने से मना कर दिया, इलाज में देरी होने के चलते महिला की मौत हो गई थी. हालांकि अस्पताल ने इस मामले में कहा था कि उनके अस्पताल में ऐसा कोई मरीज आया ही नहीं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले में कहा कहा कि, 'यह गंभीर मामला है और हमारा मंत्रालय इसकी पूरी जांच करेगा. केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू करने के लिए कहा है जिससे इस प्रकार की घटनाओं में कमी आएगी.'
State govt should take this matter seriously. Our ministry will conduct a probe in it. Centre has also asked all states to implement 'Clinical Establishments Act' which will help us reduce such incidents: Ashwini Kumar Choubey, MoS Health on death of Kargil martyr's wife #Sonipat pic.twitter.com/lItIwhxOsH
— ANI (@ANI) December 30, 2017
वहीं इस मामले में राज्य के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि, 'मुझे इस बात की जानकारी मिली है, हम इस मामले की जांच करेंगे और जो कोई भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी'
I have received information about it. We will conduct an inquiry & punish those found guilty: Haryana CM Manohar Lal Khattar on death of a Kargil martyr's wife in #Sonipat over alleged denial of treatment due to unavailability of Aadhaar Card pic.twitter.com/HPnCvk6eIk
— ANI (@ANI) December 30, 2017
सोनीपत के महलाना गांव के पवन के पिता लक्ष्मण दास 1999 में करगिल युद्ध में शहीद हुए थे. उनकी माता जी शकुंतला देवी पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं. गुरुवार शाम को शकुंतला देवी की तबीयत फिर से खराब हो गई तो उन्हें सेना कार्यालय स्थित अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई, जब बेटा पवन अपनी बीमार मां को लेकर निजी अस्पताल पहुंचा तो अस्पताल की संवेदनशीलता के चलते इलाज में देरी हुई और शकुंतला देवी की मौत हो गई.
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महिला के परिजनों की मानें तो मौके पर पहुंची पुलिस ने भी प्राइवेट अस्पताल का ही साथ दिया. महिला के बेटे पवन ने बताया कि, 'मैं अपनी मां को सीरियस कंडीशन में अस्पताल लेकर आया था. अस्पताल वालों ने मुझसे आधार कार्ड मांगा, लेकिन मेरे पास मेरी माता जी के आधार कार्ड की कॉपी मेरे फोन में थी मैंने वो दिखाई थी, मैंने कहा भी था कि मैं एक घंटे के अंदर ओरिजनल आधार कार्ड लेकर आ जाऊंगा, लेकिन आप इलाज तो शुरू करें, पर अस्पताल ने इलाज करने से मना कर दिया.'
इस मामले के मीडिया के सामने आने पर अस्पताल अब लीपापोती में लग गया है. अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि, 'हमने इलाज के लिए मना नहीं किया है, इस बात पर गौर किया जाए कि वह(पवन) मरीज को अस्पताल लेकर आया ही नहीं, हमने किसी को भी आधार की वजह से इलाज करने के लिए नहीं रोका है, आधार जरूरी है लेकिन इलाज के लिए नहीं, सिर्फ कागजी कार्रवाई के लिए'