यूपी सरकार नीति को जल्द ही लागू करेगी, जिसमें पूरे प्रदेश में स्टार्ट अप (Startup) और इन्क्यूबेशन सेंटर को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा. अपर मुख्य सचिव (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी) आलोक कुमार के मुताबिक नई नीति के तहत MSME के लिए 5 लाख रूपये तक की मार्केटिंग मदद मिलेगी.
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बीच उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में छोटे कारोबारियों (Small Buisness) को बिजनेस बढ़ाने में योगी सरकार (Yogi Government) मदद करेगी. उन्हें अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए 5 लाख रुपये की मदद दी जाएगी.
सरकार ने प्रदेश में MSME को नई 'स्टार्ट अप नीति 2020' के तहत मार्केटिंग सहायता देने का फैसला किया है. नई स्टार्ट अप नीति 2020 को अधिसूचित कर दिया गया है. यूपी सरकार नीति को जल्द ही लागू करेगी, जिसमें पूरे प्रदेश में स्टार्ट अप (Startup) और इन्क्यूबेशन सेंटर को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा. अपर मुख्य सचिव (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी) आलोक कुमार के मुताबिक नई नीति के तहत MSME के लिए 5 लाख रुपये तक की मार्केटिंग मदद मिलेगी.
कुमार के मुताबिक IT एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग नए स्टार्ट अप और MSME के वेंचर कैपिटल फंडिंग में मदद के लिए Sidbi (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) के साथ मिलकर काम कर रहा है. IT की मदद से लगभग सभी जिला उद्योग केन्द्र ऑनलाइन हैं और MSME द्वारा जिला उद्योग केन्द्र को लेटर भरकर ऑनलाइन देने के बाद 72 घंटे में ही सुविधाएं मिलती हैं.
PHDCCI चेंबर के सदस्यों की संख्या डेढ़ लाख से ज्यादा है और इनमें से 70 फीसदी MSME हैं. चेंबर भारत को इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है.
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बता दें कि मोदी सरकार ने MSME सेक्टर को मजबूती देने के लिए कई तरह की मदद देने का ऐलान किया है. इनमें बिजनेस बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन के साथ-साथ लोन के ब्याज में सब्सिडी तक शामिल है. रजिस्टर्ड MSME को सब्सिडी और टैक्स छूट के साथ पूंजीगत सब्सिडी (Capital Subsidy) का फायदा मिलता है. रजिस्ट्रेशन से उन्हें सरकारी लोन देने वालों तक पहुंच बनाने में मदद मिलती है और वे कम ब्याज दर पर आसान लोन हासिल कर सकते हैं.
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