DNA: मुंबई में आखिरी बार चली लाल रंग की डबल डेकर बसें, क्या है इतिहास; दुनिया में कहां-कहां चलती हैं ऐसी बसें?
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DNA: मुंबई में आखिरी बार चली लाल रंग की डबल डेकर बसें, क्या है इतिहास; दुनिया में कहां-कहां चलती हैं ऐसी बसें?

Mumbai Double Decker Buses: मुंबई में डबल डेकर बसें करीब 86 वर्षों से चल रही हैं. धीरे धीरे ये बसें ट्रांसपोर्ट का एक अहम जरिया बन गईं. बड़ी संख्या में लोग इनमें सफर करने लगे. डबल डेकर होने की वजह से बच्चे भी अपने माता-पिता से जिद करते थे कि बस की पहली मंजिल पर बैठकर सफर करेंगे, क्योंकि बस की पहली मंजिल पर बैठकर सफर करने का मज़ा ही कुछ और था. 

DNA: मुंबई में आखिरी बार चली लाल रंग की डबल डेकर बसें, क्या है इतिहास; दुनिया में कहां-कहां चलती हैं ऐसी बसें?

Mumbai Transport: मुंबई परिवहन की जब भी बात होती है तो दिमाग में दो ही तस्वीर आती है.पहली मुंबई लोकल और दूसरी मुंबई में चलने वाली लाल रंग की डबल डेकर बसें.

मुंबई में हर रोज हजारों लोग डबल डेकर बसों में सफर करते है. लेकिन आज लाल रंग की डबल डेकर बसें अपने आखिरी सफर पर है. मुंबई की सड़कों पर आज पुरानी डबल डेकर बस आखिरी बार दौड़ी. अब ये पुरानी डबल डेकर बसें सड़कों पर नजर नहीं आएंगी और इतिहास बन जाएंगी. 

86 साल से चली रहीं डबल डेकर बसें

मुंबई में डबल डेकर बसें करीब 86 वर्षों से चल रही हैं. धीरे धीरे ये बसें ट्रांसपोर्ट का एक अहम जरिया बन गईं. बड़ी संख्या में लोग इनमें सफर करने लगे. डबल डेकर होने की वजह से बच्चे भी अपने माता-पिता से जिद करते थे कि बस की पहली मंजिल पर बैठकर सफर करेंगे, क्योंकि बस की पहली मंजिल पर बैठकर सफर करने का मज़ा ही कुछ और था. 

आज जब ये बसें सड़कों पर निकलीं तो उन्हें फूलों से सजाया गया, लोग भी बड़ी संख्या में बेस्ट की डबल डेकर बसों में सफर करने निकले. यात्री पुरानी डबल डेकर बस को अलविदा कहते हुए इस बस के आखिरी सफर को मोबाइल कैमरे में कैद कर रहे थे. आपके जहन में ये सवाल आ रहा होगा कि जब ये बसें इतने लंबे समय से मुंबई में चल रही हैं तो इन्हें हटाया क्यों जा रहा है तो अब वजह भी जान लीजिए. 

दरअसल मुंबई की सड़कों पर दौड़ने वाली डबल डेकर बसें डीजल से चलती हैं और डीजल वाली गाड़ियों की लाइफ सरकार ने 10 साल निर्धारित कर रखी हैं. इसलिए अब इन बसों को सड़कों से हटाया जा रहा है. 

  • मुंबई में अभी 7 डबल डेकर बसें हैं. इनमें से तीन open-decker बस हैं.  आज डबल डेकर बसें आखिरी बार चलीं. 5 अक्टूबर से ओपन डेकर बसें भी सड़कों से हट जाएंगी. 

  • मुंबई को सपनों का शहर कहा जाता है, इस शहर का इतिहास काफी पुराना है. दौड़ते भागते शहर में ट्रांसपोर्ट के लिए ज्यादातर लोग या तो मुंबई लोकल का इस्तेमाल करते हैं, या फिर लाल रंग की ओपन डेकर बस का.  

  • 90 के दशक की शुरुआत में BEST के बेड़े में करीब 900 डबल डेकर बसें थीं. लेकिन इसके बाद इनकी संख्या घटती गई.

  • वर्ष 2023 की शुरुआत तक 50 डबल डेकर बसें ही BEST के पास बची थीं.

  •  डबल डेकर बसों के रखरखाव और चलाने में खर्चा ज्यादा आता है, इसलिए साल 2008 से नई बसों को बेड़े में शामिल करना बंद कर दिया गया. 

  • इन पुरानी डबल डेकर बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों ने ली है. नई बसें भी डबल डेकर हैं. और इनका कलर लाल और काला है जबकि, पुरानी डबल डेकर बसें लाल रंग की थीं. 

आज मुंबईकरों ने BEST की डबल डेकर बसों को अपनी आंखों के सामने इतिहास बनते हुए देखा. 1990 के दशक में किसी भी हिंदी फिल्म में जब मुंबई का सीन दिखाया जाता था, तब BEST की डबल डेकर बस जरूर दिखती थी. डबल डेकर बसों ने मुंबईकरों के दिल और फिल्मी पर्दे, दोनों में जगह बनाई. 

  •  वर्ष 1937 में मुंबई में जो डबल डेकर बस चली थी, उसमें एक बार में 88 यात्री सफर कर सकते थे. 

  • जबकि सिंगल डेकर बसों में 36 यात्री ही सफर कर सकते थे.

  •  बढ़ती आबादी और संकरे रास्तों को देखते हुए  डबल डेकर बसें बननी शुरू हुई थीं. 

BEST की तरफ से संचालित लाल रंग की डबल डेकर बसें मुंबई में आजादी से पहले चलने लगी थीं. इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि इनका इतिहास कितना पुराना है. मुंबई के अलावा आज भी डबल डेकर बसें कई शहरों में चल रही हैं. केरल के तिरुअनंतपुरम और कोच्चि शहर में डबल डेकर बसें चल रही हैं. इनको केरल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑपरेट करता है.

क्या है डबल डेकर बसों का इतिहास

लेकिन क्या आपके जहन में कभी ये सवाल आया कि ये डबल डेकर बस का सफर कहां से शुरू हुआ.आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि घोड़ा गाड़ी को देखकर डबल डेकर बस का आइडिया आया था. अब आपको इस बारे में और जानकारी देते हैं.

  •  200 वर्ष पहले पेरिस में घोड़ागाड़ी चलाने वाले Stanislas Baudry ने ज्यादा सवारी बैठाने के लिए घोड़ा गाड़ी को दो मंजिला बनाया था. 

  •  1828 में उनकी ये दो मंजिला घोड़ा गाड़ी पेरिस की सड़कों पर चलने लगी थी.

  •  दो साल बाद 1830 में ब्रिटेन के  goldworthy gurney और walter hancock ने स्टीम इंजन के साथ बस उतारी थी. 

  •  कुछ वर्ष बाद george schilliber ने ओमनी बस के नाम से लंदन की सड़कों पर डबल डेकर बसें उतारीं.

  • डबल डेकर बसें रोमांच का दूसरा नाम थीं. इन बसों की पहली मंजिल पर बैठकर यात्रा करने के लिए लोग घंटों बस स्टॉप पर इंतजार करते थे, और जब पहली मंजिल पर सीट मिलती थी तो बच्चा हो या बड़ा, चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी. ये एक अलग एक्सपीरियंस था. 

1970 के दशक में देश की राजधानी दिल्ली में भी डबल डेकर बसें चलती थीं, लेकिन 90 के दशक में फुट ओवर ब्रिज और पुल की ऊंचाई के कारण इन्हें बंद कर दिया गया. भारत में 
बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता में भी डबल डेकर बसों को चलाया गया था. लेकिन ये बाद में बंद हो गईं. डबल डेकर बसें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अहम माध्यम बनीं. आज भी दुनिया के कई देशों में डबल डेकर बसें शान से दौड़ती हैं. 

आज ब्रिटेन के लंदन, अमेरिका के लास वेगास कैलिफोर्निया और सैन फ्रांसिस्को, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, ब्रिस्बेन, न्यूजीलैंड के वेलिंगटन, फ्रांस के पेरिस, सिंगापुर के सिंगापुर सिटी. श्रीलंका के कोलंबो में डबल डेकर बसें हर रोज़ चलती हैं. 

लाया जा रहा नई डबल डेकर बसों को

भारत में डबल डेकर बसों का इतिहास बहुत पुराना है, लेकिन समय के साथ कहीं डबल डेकर बसों को हटा दिया गया, तो कहीं इन्हें अब बदला जा रहा है.  जैसा अब मुंबई में भी हुआ है. 

हम आपको एक बात साफ कर दें कि मुंबई में डबल डेकर बसें चलना बंद नहीं होंगी. सिर्फ पुरानी डबल डेकर और ओपन डेकर बसों को हटाकर नई डबल डेकर बसों को लाया जा रहा है. फरवरी से मुंबई की सड़कों पर इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें चल भी रही है. 

मुंबई घनी आबादी वाला शहर है, इसलिए ट्रांसपोर्ट का बेहतर होना जरूरी है. BEST की पुरानी डबल डेकर बसों को हटाकर अब इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें चलाई गई हैं. BEST के बेड़े में 35 नई डबल डेकर बसों को शामिल किया गया है. इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें चलने से वायु और ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आएगी.  समय के साथ हर चीज़ बदलती है, इसलिए मुंबईकरों के लिए भी नई  इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें आई हैं.

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