Peace: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि इस्लाम अमन, शांति और खुशहाली का पैगाम देता है, बम, बारूद और गोलियों का नहीं. मुस्लिम देशों से एमआरएम की अपील है कि हमास के बुजदिली और बर्बरता की चौतरफा निंदा और विरोध हो.
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Israel Palestine: इजरायल और हमास को लेकर दुनिया लगभग बंट चुकी है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने हमास की आलोचना की है. मंच ने हमास की तरफदारी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना साधा है. मंच ने मुस्लिम देशों के साथ-साथ दुनिया के सभी देशों से हमास की आतंकी गतिविधियों का विरोध करने का भी आह्वान किया. हमास पर नरसंहार और वीभत्सता का आरोप लगाते हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने हमास के साथ ही हिजबुल्लाह, लश्कर, अल कायदा, बोको हराम, हिजबुल, आईएसआईएस और पीएफआई जैसे संगठनों और उनके द्वारा फैलाए गए हिंसा और आतंकवाद के मकड़जाल की भी कड़ी निंदा की है.
'दरिंदगी की इंतहा कर दी'
दरअसल, कांग्रेस की आलोचना करते हुए मंच ने कहा कि आतंक की पराकाष्ठा के बावजूद हमास की आलोचना करने की बजाय कांग्रेस उसका बचाव करने में लगी है, जो अमानवीय, चिंतनीय और निंदनीय है और कांग्रेस को ऐसी शर्मनाक हरकत से बाज आना चाहिए. मंच ने हमास की पैरोकारी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी कठघरे में खड़ा किया है. मंच का सीधे तौर पर मानना है कि ऐसी कोई लड़ाई, असहमति या विवाद नहीं जो वार्ता के जरिए हल नहीं की जा सकती हो. चिंतनीय एवं निंदनीय यह है कि हमास की खौफनाक आतंकी घटना ने इंसानियत को तार-तार करते हुए दरिंदगी की इंतहा कर दी है, जिसकी जितनी भी आलोचना की जाए कम है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बैठक
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि नई दिल्ली के झंडेवालान में स्थित कार्यालय कलाम भवन में गुरुवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की एक आपात बैठक हुई, जिसमें मंच के सभी राष्ट्रीय संयोजक, प्रांत व क्षेत्रीय संयोजक, सह संयोजक एवं विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रभारियों समेत लगभग 60 लोगों ने शिरकत की है. बैठक का स्वरूप ऑफ़ लाइन एवं ऑन लाइन दोनों रखा गया था ताकि निकटवर्ती इलाकों को छोड़कर बाकी लोग ऑनलाइन बैठक में शिरकत कर सकें.
आतंकवाद सिर्फ बर्बादी और तबाही
इस बैठक में एक सुर में हमास की हरकतों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा गया कि हमास द्वारा की गई मौजूदा गतिविधि जंग नहीं, नरसंहार और वीभत्सता के नंगे नाच की श्रेणी में आती है, जिसे कोई भी सभ्य समाज, समुदाय या देश कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि झगड़े के जो भी कारण रहें, उसका हल बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाना चाहिए. हिंसा, अत्याचार, आतंकवाद सिर्फ बर्बादी और तबाही दे सकते हैं, समस्या का समाधान नहीं.
मंच ने हमास के आतंकी हमले के दौरान इजरायली नागरिकों, औरतों और बच्चों के साथ की गई क्रूरता की कड़ी भर्त्सना की. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि कुरान शरीफ समेत दुनिया के हर धार्मिक ग्रंथ में अमन, अपनापन, प्यार और शांति की बात कही गई है, खून-खराबे और हत्याओं को कहीं भी जायज नहीं ठहराया गया है. परंतु यह बड़ा ही दुखद है कि इस्लाम और मुसलमानों के नाम पर जितने भी जेहादी संगठन बने हैं, उन सभी ने इस्लाम का नाम खराब करने का काम किया है.
मंच का मानना है कि इस्लाम अमन, शांति और खुशहाली का पैगाम देता है, बम, बारूद और गोलियों का नहीं. मुस्लिम देशों से एमआरएम की अपील है कि हमास के बुजदिली और बर्बरता की चौतरफा निंदा और विरोध हो. मंच का मानना है चंद हजार आतंकियों के संगठन हमास ने लाखों शांतिपूर्ण फिलिस्तीनियों के जीवन को कत्लों- गारत के अंधेरे कुएं की तरफ झोंक दिया है. ऐसे में फिलिस्तीन की अवाम को खुद हमास का पुरजोर विरोध करते हुए इस आतंकी तंजीम के खात्मे की कसम खानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच हमास की निंदा करता है और संकट के समय पूरी तरह इजरायली अवाम के साथ है. इनपुट-एजेंसी