पति ने फोन पर दिया तलाक, CM योगी के दरबार में फरियाद लेकर पहुंची मुस्लिम महिला
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पति ने फोन पर दिया तलाक, CM योगी के दरबार में फरियाद लेकर पहुंची मुस्लिम महिला

पति ने फोन पर दिया तलाक, CM योगी के दरबार में फरियाद लेकर पहुंची मुस्लिम महिला (फोटोः ANI)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के जनता दरबार में फरियाद लगाने के लिए आज एक मुस्लिम महिला अपने बच्चों के साथ पहुंची. इस महिला ने मीडिया को बताया कि कैसे उसका पता शादी के बाद से उसका शोषण करता आया है और अब उसने फोन पर उसे तलाक दे दिया. अब ये महिला मुख्यमंत्री के सामने अपनी फरियाद लेकर पहुंची है. इस महिला का नाम सबरीन है और ये अपने बच्ची को गोद में लिए सीएम के जनता दरबार में पहुंची.

सीतापुर की रहने वाली सबरीन ने यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी से मिलने के बाद मीडिया को बताया कि सीएम ने उन्हें मदद का पूरा भरोसा दिया है. अपनी व्यता बताते हुए सबरीन ने कहा कि बच्ची पैदा होने के बाद से ससुरालवाले उसे परेशान करने लगे. उन्होंने सहरीन के घरवालों से 20 लाख रुपये की डिमांड की. सबरीन ने बताया क‌ि पत‌ि ने उसे फोन पर तलाक दे दिया, जिससे उसका और उसकी बच्ची का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. आपको बता दें कि इससे पहले भी तीन तलाक के मुद्दे को लेकर मुस्लिम महिलाओं ने सरकार से इसके विरुद्ध कानून बनाने की मांग की है.

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में थाना नानौता के अन्तर्गत तीन तलाक का दंश झेलने वाली महिला ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे खत्म करने के लिए कहा है. शगुफ्ता नाम की महिला ने अपने पति की बात मानने से इंकार करते हुए अपनी कोख का बच्चा गिराने से मना कर दिया. जिसके बाद उसके पति ने उसे बुरी तरह से पीटा और 'तीन तलाक' कहने के बाद सड़क किनारे मरने के लिए छोड़ दिया.

'तीन तलाक' से दिलाएं आजादी

मूल रूप से सहारनपुर रहने वाली महिला को पुलिस से थोड़ी मदद मिली और उसने फैसला किया कि इस मामले में वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल देने को कहेंगी. शगुफ्ता शाह ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर उनसे 'तीन तलाक' को खत्म करने का निवेदन किया है. मैंने उनको वोट दिया है और मैं आशा करती हूं कि अब मुझे न्याय मिलेगा.'

पीएम को खत लिखने के बाद पुलिस ने की कार्रवाई

शगुफ्ता ने पीएम को लिख पत्र में कहा कि जब वह इस मामले की तहरीर लेकर थाना नानौता गई तो उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. पीड़िता ने प्रधानमंत्री से तीन तलाक को शीघ्र समाप्त करने की मांग की. बहरहाल बाद में पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. थाना नानौता पुलिस ने शगुफ्ता के पति शमशाद, देवर नौशाद और ननदोई जफर अली एवं इलियास के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली है. शगुफ्ता ने बताया कि उसे इसकी प्रेरणा सहारनपुर की निवासी और मित्र अतिया साबरी से मिली. 

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एआईएमपीएलबी ने तीन तलाक को लेकर दायर याचिकाओं का किया विरोध

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि मुसलमानों में प्रचलित तीन तलाक, ‘निकाह हलाला’ और बहुविवाह की प्रथाओं को चुनौती देने वाली याचिकाएं विचारयोग्य नहीं हैं क्योंकि ये मुद्दे न्यायपालिका के दायरे में नहीं आते हैं. बोर्ड ने कहा कि इस्लामी कानून, जिसकी बुनियाद अनिवार्य तौर पर पवित्र कुरान एवं उस पर आधारित सूत्रों पर पड़ी है, की वैधता संविधान के खास प्रावधानों पर परखी नहीं जा सकती है. इनकी संवैधानिक व्याख्या जबतक अपरिहार्य न हो जाए, तबतक उसकी दिशा में आगे बढ़ने से न्यायिक संयम बरतने की जरूरत है.

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उसने कहा कि याचिकाओं में उठाये गये मुद्दे विधायी दायरे में आते हैं, और चूंकि तलाक निजी प्रकृति का मुद्दा है अतएव उसे मौलिक अधिकारों के तहत लाकर लागू नहीं किया जा सकता. बोर्ड ने दावा किया कि याचिकाएं गलत समझ के चलते दायर की गयी हैं और यह चुनौती मुस्लिम पर्सनल कानून की गलत समझ पर आधारित है, संविधान हर धार्मिक वर्ग को धर्म के मामलों में अपनी चीजें खुद संभालने की इजाजत देता है.

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