दिल्ली सरकार को अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस का अधिकार दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने शु्क्रवार को पलट दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के लिए अध्यादेश जारी किया है.
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दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा. अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस का अधिकार दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर पलट दिया है. अब दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण यानी NCCSA का गठन किया जाएगा. इसके पदेन अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल होंगे. इसके अलावा प्रधान गृह सचिव और मुख्य सचिव इसके सदस्य होंगे. इस अध्यादेश के बाद अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल को वापस मिल गए हैं. अध्यादेश के मुताबिक, सभी ग्रुप ए अधिकारियों और DANICS के अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर की जिम्मेदारी नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की होगी.
दरअसल अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार ने नेशनल कैपिटल सर्विस अथॉरिटी का गठन किया है, जिसके जरिए ट्रांसफर-पोस्टिंग, विलिजेंस और अन्य मुद्दों पर दिल्ली के उपराज्यपाल की 'बॉस' होंगे. अगर इस अथॉरिटी में ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर कोई विवाद होता है तो दिल्ली के उपराज्यपाल ही आखिरी फैसला लेंगे. माना जा रहा है कि इस अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसला को पलटते हुए सीधी चुनौती दी है.
गौरतलब है कि 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस विभाग पर चुनी हुई सरकार का अधिकार है.
An ordinance has been passed by the Centre to constitute ‘National Capital Civil Services Authority’ in Delhi. This comprises of Delhi CM, Chief Secy and Home Secy of Delhi Govt. They will now decide on the transfer and posting of Group ‘A’ officers and DANICS officers serving in… https://t.co/AXDHP9aBtZ pic.twitter.com/V7yoOmNHoo
— ANI (@ANI) May 19, 2023
यह अथॉरिटी ही अधिकारियों की पोस्टिंग-ट्रांसफर और विजिलेंस का कामकाज देखेगी. इसके पदेन अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल होंगे. ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर विवाद होने की स्थिति में वोटिंग के आधार पर फैसला लिया जाएगा. अगर तब भी बात नहीं बनती है तब मामला उपराज्यपाल के पास जाएगा और आखिरी फैसला वही लेंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आम आदमी पार्टी ने अपनी बड़ी जीत बताया था. उसने कहा था कि लंबी लड़ाई के बाद उसको न्याय मिला है.
इससे पहले दिन में सीएम केजरीवाल ने पूछा कि एलजी साहब सुप्रीम कोर्ट के आदेश क्यों नहीं मान रहे हैं, कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार अगले ह़फ्ते आर्डिनेंस लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाली है. क्या केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने की साजिश कर रही है. उन्होंने शुक्रवार को इसे लेकर एलजी से मुलाकात भी की थी.