जाति आधारित जनगणना कराए केंद्र, आरक्षण पर 50% की सीमा में ढील दे: Sharad Pawar
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जाति आधारित जनगणना कराए केंद्र, आरक्षण पर 50% की सीमा में ढील दे: Sharad Pawar

NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा, OBC आरक्षण पर सरकार गुमराह कर रही है, साथ ही उन्होंने जाति आधारित जनगणना की मांग की है.

शरद पवार, एनसीपी प्रमुख.

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने सोमवार को केंद्र से जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) कराने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा में ढील देने को कहा. पवार ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ जनमत तैयार करेगी. 

  1. केन्द्र जाति आधारित जनगणना कराए: पवार
  2. आरक्षण पर 50% की सीमा में ढील की मांग
  3. पवार का केंद्र सरकार पर गुमराह करने का आरोप

OBC बिल में बदलाव के लिए बनाएंगे दबाव 

हाल ही में संपन्न मॉनसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान संसद में पारित 127वें संशोधन विधेयक, 2021 की आलोचना करते हुए, NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वह संशोधन के खिलाफ जनता की सहमति बनाने की कोशिश करेंगे और केंद्र पर इसमें बदलाव का दबाव बनाएंगे. पवार ने कहा कि यह धारणा भ्रामक है कि राज्यों को फिर से अपनी पिछड़ी जातियों को सूचीबद्ध करने का अधिकार मिल गया है, क्योंकि 50% कोटे की सीमा अभी भी मौजूद है.

संवैधानिक संशोधन महज दिखावा

NCP अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने यह भी दावा किया कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को गुमराह किया है. उन्होंने कहा, ‘ओबीसी की सूची तैयार करने संबंधी दो साल पहले छीने गये राज्यों के अधिकार को बहाल करने का संवैधानिक संशोधन महज दिखावा है.’ उन्होंने कहा, ‘जब तक 50 प्रतिशत की सीमा में ढील नहीं दी जाती, तब तक मराठा कोटा बहाल नहीं किया जा सकता है. 

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मोदी के सामने बोलने की हिम्मत करनी होगी

पवार ने कहा, इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) पर प्रायोगिक आंकड़े राज्यों के साथ शेयर किये जाने चाहिए. जब तक आंकड़े उपलब्ध नहीं होंगे, तब तक यह पता नहीं चल सकता है कि छोटी जातियों को कितना प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘मोदी के सामने बोलने के लिए किसी को तो हिम्मत दिखानी होगी. संविधान संशोधन का एकमात्र मकसद धोखा है.’ गौरतलब है कि 10 अगस्त को, लोक सभा ने राज्यों को यह तय करने की परमीशन देते हुए एक विधेयक पारित किया कि उनके यहां ओबीसी कौन हैं. 

(इनपुट भाषा)

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