चोरी-छुपे पटाखा बेचने वालों के खिलाफ पुलिस की मुहिम तेज, दो गिरफ्तार, दुकानें सील
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चोरी-छुपे पटाखा बेचने वालों के खिलाफ पुलिस की मुहिम तेज, दो गिरफ्तार, दुकानें सील

गुरुग्राम पुलिस ने पटाखा बेचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया (फोटोः एएनआई)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा रखा है लेकिन लोग चोरी-छुपे लोग पटाखे बेच रहे है. सोमवार देर रात को दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में पुलिस ने पटाखा बेचने के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार किया. ये दोनों युवक गुरुग्राम के सेक्टर 9 में पटाखे बेच रहे थे. गुरुग्राम पुलिस ने चोरी-छुपे बेचने वालों को पकड़ने के लिए अभियान चला रखा है. पुलिस ने सेक्टर 10 में पटाखों से भरी दो दुकानों पर भी सील लगा दी. 

  1. ग्राहक बनकर पटाखा दुकानों पर छापा मार रही है पुलिस
  2. पुलिस को SC ने दिए आदेश लागू कराने के लिए दिए थे निर्देश
  3. कुछ शर्तों के साथ 1 नवंबर के बाद फिर शुरू हो सकेगी पटाखों की बिक्री

 

सेक्टर की इस दुकान में पटाखों से भरे 39 कार्टन थे. बताया जा रहा है इन पटाखों को दिवाली पर बेचने के लिए मंगाया गया था.

 

 

गौरतलब हैं कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने 1 नवंबर तक के लिए पटाखों की बिक्री पर बैन लगा रखा है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि एक नवंबर के बाद पटाखा बैन के परिणामों की समीक्षा की जाएगी, पता लगाया जाएगा कि पर्यावरण पर इसका कितना असर पड़ता है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बावजूद की पटाखा कारोबारी पटाखे बेच रहे हैं. इसके अलावा गुरुग्राम के राजीव नगर से भी एक महिला को पटाखा बेचते पकड़ा गया. गुरुग्राम पुलिस ग्राहक बनकर पटाखा बेचने वालों को पकड़ रही है. 

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आपको बता दें कि 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया है. कोर्ट ने अपने अहम फैसले में आदेश दिया है कि 1 नवंबर 2017 तक दिल्ली-एनसीआर में पटाखे नहीं बिकेंगे. कोर्ट ने कहा कि 12 सितंबर का पुराना आदेश 1 नवंबर से लागू होगा. कोर्ट ने कहा कि 1 नवंबर के बाद कुछ शर्तों के साथ दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचे जा सकेंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखे चलाने पर कोई बैन नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटाखों की बिक्री 1 नवंबर, 2017 से दोबारा शुरू हो सकेगी. इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट देखना चाहता है कि पटाखों के कारण प्रदूषण पर कितना असर पड़ता है.

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कोर्ट ने पिछले वर्ष 11 नवंबर को एक आदेश में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भीतर पटाखों की थोक और खुदरा बिक्री की अनुमति देने वाले’ सभी लाइसेंस निलंबित कर दिये थे. बाद में 12 सितंबर, 2017 को कोर्ट ने इस प्रतिबंध को अस्थाई रूप से हटा दिया और पटाखों की बिक्री को अनुमति दे दी.  पुराने आदेश की पुन:बहाली के संबंध में सुनवाई के दौरान केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पीठ से कहा था कि वह इस आवेदन का समर्थन करता है.

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