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नई दिल्ली: महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती आज (23 जनवरी को) है. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करेंगे. पीएम मोदी ऐलान कर चुके हैं कि इंडिया गेट पर जिस छतरी के नीचे पहले जॉर्ज पंचम की मूर्ति लगी थी वहां अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा लगाई जाएगी. जब तक नेताजी की प्रतिमा तैयार नहीं होती तब तक उस जगह पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा मौजूद रहेगी. नेताजी की प्रतिमा लगाए जाने के फैसले पर उनकी बेटी अनीता बोस (Anita Bose) ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने ज़ी न्यूज की एंकर अदिति त्यागी से एक्सक्लूसिव बातचीत में ये बातें कहीं.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस ने ज़ी न्यूज़ को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि वो बहुत खुश हैं, जब से उन्हें पता चला है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाई जाएगी.
अनीता बोस ने कहा कि नेताजी की विरासत का शोषण किया गया. नेताजी एक धर्मनिष्ठ हिंदू थे, लेकिन धर्म के नाम पर लोगों की हत्या नहीं कर सकते थे, जो हमने विभाजन के बाद से देखा है.
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उन्होंने कहा कि नेताजी ने हिटलर से मुलाकात की थी क्योंकि वो किसी भी तरह से भारत को आजाद कराना चाहते थे लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि वो फासीवाद का समर्थन करते थे.
अनीता बोस ने कहा कि कांग्रेस में एक ऐसा धड़ा था जिसने नेताजी के साथ अन्याय किया. गांधी जी ने नेहरू का पक्ष लिया. वो मेरे पिता को काबू नहीं कर पा रहे थे क्योंकि नेताजी विद्रोही स्वभाव के थे.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस ने कहा कि नेताजी के साथियों की निंदा की गई. उन्हें लंबे समय तक वैसा लाभ नहीं मिला जैसा अंग्रेजों के लिए लड़ने वालों को मिला था. नेताजी ने मुसोलिनी से दो बार मुलाकात की थी क्योंकि वो चाहते थे कि जर्मनी, जापान और इटली भारत की स्वतंत्रता के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करें.
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उन्होंने कहा कि नेताजी अपने भाई शरद के काफी करीब थे. नेताजी का निधन विमान दुर्घटना में हुआ इसके कई सबूत हैं लेकिन गुमनामी बाबा की कहानी हास्यास्पद है.
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