बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ डिजिटल मीटिंग में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सीमेंट और स्टील इंडस्ट्री के लिए रेगुलेटर बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सेक्टर की बड़ी कंपनियों साठगांठ करके दामों में बढ़ोतरी कर रही हैं. ये राष्ट्रहित में नहीं है.
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मुंबई: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने स्टील (Steel) और सीमेंट (Cement) सेक्टर के लिए रेगुलेटर बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां दाम बढ़ाने के लिए आपसी साठ-गांठ के तहत काम कर रही हैं. यदि स्टील और सीमेंट के दाम इसी तरह बढ़ते रहे तो भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के सपने को पूरा करना मुश्किल होगा.
गडकरी का इशारा अगले 5 साल के दौरान अर्थव्यवस्था में 111 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की तरफ था. यहां यह गौर करने वाली बात है कि स्टील और सीमेंट इंडस्ट्री पर इस तरह की साठगांठ के आरोप पहले भी लगाए गए हैं. खासतौर से रियल एस्टेट (Real Estate) उद्योग ने ऐसे आरोप लगाए हैं. दरअसल, रियल एस्टेट भी जरूरत का सामान महंगा होने की शिकायत करते हुए लागत बढ़ने की बात करता रहा है.
गडकरी ने शनिवार को बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) के एक कार्यक्रम को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा, ‘जहां तक स्टील और सीमेंट की बात है यह हम सभी के लिए बड़ी समस्या है. वास्तव में मेरा मानना है कि यह स्टील और सीमेंट सेक्टर के कुछ बड़े लोगों का किया धरा है, जो कि साठगांठ के जरिए यह कर रहे हैं. इस संबंध में प्रधानमंत्री के साथ विचार-विमर्श किया है और इस मुद्दे पर पीएमओ में प्रधान सचिव के साथ भी लंबी चर्चा हुई है.’
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स्टील इंडस्ट्री में सभी के पास अपनी खुद की आयरन ओर खानें हैं और उन्हें लेबर अथवा बिजली की दरों में कृषि वृद्धि को भी नहीं वहन करना पड़ रहा है. फिर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि स्टील इंडस्ट्री किस प्रकार दाम बढ़ाने में लगा है. सीमेंट उद्योग के बारे में उन्होंने कहा कि वह स्थिति का फायदा उठाते हुए दाम बढ़ा रहा है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में परियोजनाओं को पाइपलाइन को ध्यान में रखते हुए दोनों उद्योगों का यह रुख राष्ट्रीय हित में नहीं है.
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गडकरी ने कहा कि हम इसके लिए समाधान तलाशने की प्रक्रिया में हैं. बिल्डर्स एसोसिएशन का स्टील और सीमेंट सेक्टर के लिए एक रेगुलेटर बनाने का सुझाव है जो कि अच्छा सुझाव है, मैं इसको देखूंगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि रेगुलेटर बनाना उनके हाथ में नहीं है, लेकिन उन्होंने वादा किया कि वह प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिये वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करेंगे.
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