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Bihar Political Crisis: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आज यानी बुधवार को 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. हालांकि इस आंकड़े के बाद उन्हें राजनीति में सबसे तेजी से पाला बदलने वाले नेता कहा जा रहा है. बता दें कि नीतीश कुमार अपने 22 साल के राजनीतिक करियर में 8वीं बार सीएम बने हैं. हालांकि, इतनी रफ्तार के बावजूद भी नीतीश अपने एक रिकॉर्ड को तोड़ने से चूक गए जो उन्होंने 2017 में बनाया था.
नया नहीं है यह खेल
यह रिकॉर्ड उन्होंने तब बनाया था जब नीतीश का मोहभंग तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी से हुआ था. बिहार की मौजूदा स्थिति कुछ नई नहीं है. बिहार की जनता यही सब खेल पहले भी देख चुकी है. उस वक्त आरजेडी की जगह बीजेपी थी और बीजेपी की जगह आरजेडी. 2017 वही समय था जब नीतीश कुमार महागठबंधन से अपने रिश्ते तोड़कर बीजेपी के साथ आए थे.
क्या है रिकॉर्ड?
नीतीश के नाम एक मशहूर रिकॉर्ड दर्ज है. वो रिकॉर्ड है तेजी से सरकार गिराने और बनाने का. साल 2017 में जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया और अपने पद से इस्तीफा दिया तो इस्तीफे के महज 16 घंटे बाद ही उन्होंने ने नई सरकार बीजेपी के साथ मिलकर बना ली थी. उन्होंने 26 जुलाई की शाम करीब 6 बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था और उसके 16 घंटे बाद अगले दिन सीएम पद की शपथ ले ली थी.
महज 6 घंटे की दूरी
उस वक्त इस जल्दबाजी पर तेजस्वी यादव ने भी ताना कसते हुए कहा था कि राज्यपाल ने जब उन्हें 11 बजे मुलाकात का वक्त दिया था तो फिर सुबह 10 बजे अचानक नीतीश कुमार का शपथ समारोह क्यों करा दिया. हालांकि इस बार नीतीश कुमार को इस्तीफा देने और दोबारा सीएम पद की शपथ लेने में कुल 22 घंटे लग गए. यानी अगर ये कार्यक्रम 6 घंटे पहले हो जाता तो वह अपना 2017 का रिकॉर्ड तोड़ देते.
सीएम बनते ही नीतीश कुमार ने कही ये बात
आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने सीएम की शपथ लेने के बाद भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी को लगता था विपक्ष खत्म हो जाएगा. लेकिन अब हम भी विपक्ष में हैं. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने मोदी का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधा. नीतीश कुमार ने कहा कि 2014 में आने वाले, 2024 में रहेंगे तब ना. उन्होंने कहा, हम रहें या न रहें वे 2024 में नहीं रहेंगे.
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