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Govt Planning to stop Intrusion: पाकिस्तान से सटे अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए केंद्र सरकार कमर कस चुकी है. आतंकियों की हर कोशिश को नाकाम करने के लिए केंद्र सरकार ने मॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का फैसला किया है. जिसमें UAV, एन्टी ड्रोन टेक्नोलॉजी के साथ-साथ जमीन के नीचे बने टनल की खोज के लिए Tunnel Detection System सहारा लेने का फैसला लिया गया है.
घुसपैठ के लिए टनल का इस्तेमाल
देखा जाए तो पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान से सटे जम्मू और पंजाब की सीमा में आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए सीमा पार आतंकियों के मास्टरमाइंड टनल का इस्तेमाल कर रहे हैं. गुरुवार के दिन दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक बड़ी बैठक में पाकिस्तान से सटे सीमा से घुसपैठ रोकने के साथ साथ ड्रग Traffaking पर लगाम लगाने के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर बैठक की गई. इस बैठक का मकसद दुनियाभर में मौजूद Tunnel Detection System की मौजूदा स्थिति और इससे संबंधित बेस्ट टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर चर्चा की गई.
जम्मू के पास से कई टनल बरामद
देखा जाए तो पिछले कुछ दिनों में जम्मू से सटे पाकिस्तानी सीमा पर ऐसी कई टनल बीएसएफ बरामद कर चुकी है जिसका इस्तेमाल आतंकियों ने घुसपैठ के लिए किया था. यही नहीं इन टनल की पहचान करना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि अभी तक देश के पास ऐसी कोई प्रभावी तकनीकी मौजूद नहीं है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि किस जगह टनल मौजूद है और ऐसे में सरकार इस कोशिश में है कि दुनिया के जिन देशों के पास इसकी तकनीकी मौजूद है उन से खरीद कर देश की सीमाओं पर इसे लगाया जाए.
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ड्रोन के जरिए हथियारों की सप्लाई
यही नहीं सीमा पार बैठे आतंकियों के आका लगातार ड्रोन के जरिए भी देश के इलाकों में हथियारों के साथ-साथ ड्रग की सप्लाई कर रहे हैं और ऐसे में एंटी ड्रोन सिस्टम को भी सीमा पर बड़ी संख्या में लगाने पर विचार किया जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों के साथ हुई बैठक में केंद्र सरकार इससे जुड़े अहम सुझाव को इकट्ठा कर जल्द ही ऐसी तकनीकी खरीदने पर अपने हरी झंडी देगी.
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