बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को लिखे पत्र में कहा था. 'मैं सांसदों के किसी रचनात्मक कार्य में शामिल नहीं होने पर उनका वेतन काटने का प्रस्ताव रखता हूं और‘‘ काम नहीं तो वेतन नहीं’’ नियम का पालन किया जाना चाहिए.’
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नई दिल्ली : बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने संसद में ‘‘काम नहीं तो वेतन नहीं’’ नियम को लागू किए जाने की मांग पर टीआरएस की सांसद के कविता ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, 'यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात है. अगर सरकार समय पर मुद्दों को संबोधित करे तो कोई पार्टी या सांसद फ्लोर पर आकर विरोध दर्ज नहीं करना चाहेगी'.
तिवारी ने लिखा था लोकसभा अध्यक्ष को पत्र
बता दें बीजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष तिवारी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को लिखे एक पत्र में निचले सदन में गतिरोध को लेकर अपनी पीड़ा जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह देखना भी उतना ही दुखी करने वाला है कि जन प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं. उन्होंने लिखा, ‘‘ इसलिए मैं सांसदों के किसी रचनात्मक कार्य में शामिल नहीं होने पर उनका वेतन काटने का प्रस्ताव रखता हूं और‘‘ काम नहीं तो वेतन नहीं’’ नियम का पालन किया जाना चाहिए.’’ संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्षी पार्टियां विभिन्न मुद्दों को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रही हैं जिससे संसद की कार्यवाही बाधित हो रही है.
This is like 'ulta chor kotwal ko daantein'. No party or MP will want to protest on floor of house,if Govt of the day timely addresses their issues: K Kavitha,TRS MP on BJP MP Manoj Tiwari's letter to LS Speaker proposing deduction of MP salaries for failing to work (file pic) pic.twitter.com/y6rJLRkJlr
— ANI (@ANI) March 20, 2018
सांसदों का वेतन तय करने के लिए बाहरी संस्था की आवश्यकता: वरुण गांधी
इससे पहले सोमवार को बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने सांसदों का वेतन और भत्ते तय करने के लिए एक‘‘ बाहरी संस्था’’ का सुझाव दिया. उन्होंने दावा किया कि पिछले छह वर्षों में इसे चार सौ प्रतिशत बढ़ाया गया और सवाल किया कि क्या ‘‘वास्तव में इतनी भारी वेतन बढोत्तरी मुनासिब है.’’ वरुण ने वड़ोदरा के नवरचना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एक संवाद कार्यक्रम‘‘ आइडियाज फॉर ए न्यू इंडिया’’ में कहा कि व्यवधानों के कारण संसद चलने के दिनों की संख्या कम होने के बावजूद सांसदों के भत्तों में बढोत्तरी हो रही है.
पिछले छह वर्षों में चार बार बढ़ाया गया सांसदों का वेतन
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद ने कहा,‘‘ सांसदों का वेतन पिछले छह वर्षों में चार बार बढ़ाया गया लेकिन संसद एक वर्ष में केवल 50 दिन ही चली जबकि1952-72 के दौरान संसद 130 दिन चलती थीं. वास्तव में इतनी भारी बढोत्तरी जायज है.’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिखा था और उनसे एक‘‘ अभियान’’ शुरू करने और‘‘ अमीर सांसदों’’ को अपने शेष कार्यकाल के लिए अपना वेतन छोड़ने के लिए कहने का सुझाव दिया था.
वरुण ने कहा,‘‘ लोकसभा में180 सांसद और राज्यसभा में 75 सासंदों ने अपनी आय25 करोड़ और इससे अधिक दिखाई है. यदि वे अपना वेतन छोड़ दें तो सैकड़ों करोड़ रुपये की बचत होगी और सरकारी खजाने को मदद मिलेगी.’’ बीजेपी सांसद ने कहा कि संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए और इन सीटों पर शिक्षिकाओं, वकीलों और चिकित्सकों जैसी आम महिलाओं के चुने जाने को बढावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.